Maharashtra assembly Winter Season: शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन, कानून व्यवस्था और आंबेडकर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा

नागपुर: महाराष्ट्र विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज पांचवा दिन है। पिछले चार दिनों में सदन के अंदर और बाहर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई मुद्दों पर बहस हुई। विपक्ष जहां बीड़, परभणी सहित कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। वहीं सत्तापक्ष भी विपक्ष को उसी की जुबान की तरह जवाब दे रहा है। सत्र के पांचवें दिन विपक्ष विपक्ष इसी मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रह सकता है।
सदन के अंदर मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने चुन चुन कर विपक्ष और अपने विरोधियों पर हमला बोला। फडणवीस ने कहा कि, रिकॉर्ड बना की राज्य के तमाम नेताओं ने केवल एक व्यक्ति और उसके परिवार पर हमला बोला। वहीं ईव्हीएम के मुद्दे पर भी फडणवीस ने विपक्ष को निशाने पर रखा। फडणवीस ने कहा कि, विपक्ष अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। वह जनमत के निर्णय को अस्वीकार कर संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहा है। न केवल अपमान बल्कि वह अपना कंधा उन लोगों को देने का काम कर रहा है, जो राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं।"
अर्बन नक्सलिसम के मुद्दे पर फडणवीस ने कांग्रेस और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कई गंभीर आरोप और दावे दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि, नक्सली विचारधारा समाप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है, जिसको देखते अब ये लोग शहरी युवाओं को अपने निशाने पर रख कर काम कर रहे हैं। यह युवाओं को भड़काकर और संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्चन चिन्ह खड़ा कर देश और राज्य में हिंसा और बगावत को पैदा करना चाहते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में ऐसे कई अर्बन नक्सल संगठन शामिल रहे। फडणवीस ने आंकड़ा देते हुए कहा कि, केंद्र और राज्य की सरकारों ने जिन संस्थाओं को अर्बन नक्सल यानी नक्सली गतिविधियों में शामिल होने की बात कही वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल रहे और उनके लिए काम किया। संख्या बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, ये लोग दुसरे के कंधे पर हथियार रख देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।" मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सहित विपक्ष को विरोध के नाम पर अपना कंधा ऐसे तत्वों को नहीं देने की विनती भी की।
नहीं हो पा रहा विभागो का बटवारा
मुख्यमंत्री सहित मंत्री मंडल के शपथ ग्रहण के बावजूद अभी तक मंत्रियों में विभागो का बटवारा नहीं हो पाया है। मंत्री मंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने दो से तीन दिनों में विभागो पर बटवारा होने की बात कही थी। हालांकि, चार दिन बीत जानें के बावजूद इसपर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अजीत पवार और एकनाथ शिंदे अपनी पुरानी मांगों पर अड़े हुए हैं दोनो नेता अपनी मांगों से समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। शिंदे जहां गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं, वहीं पवार महिला और बाल विकास मंत्रालय की मांग कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा दोनों मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं है। अब यह देखना होगा कि, सत्र समाप्त होने के पहले विभागो का बटवारा होता है या बीना विभाग बटवारा के सरकार मुंबई लौटती है।

admin
News Admin