Maharashtra Budget 2025: आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान, अजित पवार ने पेश की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
मुंबई: राज्य का वार्षिक बजट 10 मार्च को पेश किया जाने वाला है। बजट के पहले वित्तमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया। जिसके अनुसार 2025-26 में राज्य का आर्थिक विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 के लिए राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 45 लाख 31 हजार 518 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है। इसी के साथ कृषि क्षेत्र 8.7 प्रतिशत के साथ विकास बढ़ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि महाराष्ट्र की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहेगी, जिसमें कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक 8.7 प्रतिशत की वृद्धि होगी, उसके बाद औद्योगिक क्षेत्र में 4.9 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 के लिए राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 45 लाख 31 हजार 518 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है। राज्य में 2 करोड़ 65 लाख 20 हजार राशन कार्ड धारक हैं। इनमें 58.90 लाख पीले राशन कार्ड, 1 करोड़ 84 लाख 24 हजार नारंगी राशन कार्ड और 22 लाख 7 हजार सफेद राशन कार्ड हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में 2024-25 के लिए राज्य का राजस्व संग्रह 4,99,463 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। 2023-24 के लिए संशोधित अनुमान 4,86,116 करोड़ रुपये है। इसके अलावा कर राजस्व और गैर-कर राजस्व का अनुमान क्रमशः 4 लाख 19 हजार 972 करोड़ रुपये और 79 हजार 491 करोड़ रुपये है। वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का राजस्व व्यय 5 लाख 19 हजार 514 करोड़ रुपए है, जबकि वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित व्यय अनुमान 5 लाख 05 हजार 647 करोड़ रुपए है।
वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत आय का हिस्सा 24.1 प्रतिशत और पूंजीगत व्यय का हिस्सा 22.4 प्रतिशत है। वहीं राजकोषीय घाटा 2.4 प्रतिशत और राजस्व घाटा 0.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राज्य में 2024 के मानसून में 116.8 प्रतिशत वर्षा होगी। राज्य में 203 तहसीलों में अधिक वर्षा हुई, 68 तहसील में औसत वर्षा हुई तथा 84 तहसीलों में कम वर्षा हुई।
कृषि क्षेत्र में खेती पर विचार करते हुए अनुमान है कि चालू वर्ष में अनाज का उत्पादन 49.2 प्रतिशत, दलहन का उत्पादन 48.1 प्रतिशत, तिलहन का उत्पादन 26.9 प्रतिशत तथा कपास का उत्पादन 10.8 प्रतिशत बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि गन्ना उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 6.6 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
जनवरी से मई 2024 के बीच बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के लिए अधिकतम 3 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए मुआवजे को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रदेश में 4 लाख 95 हजार किसानों को 2 लाख 88 हजार हेक्टेयर प्रभावित कृषि भूमि के लिए 797.94 करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया गया। जून से सितंबर तक की अवधि के लिए मुआवजा राशि 1470.92 करोड़ रुपये थी, जो 37 लाख 67 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने वाले 50 लाख 36 हजार किसानों के लिए स्वीकृत की गई थी।
पशुधन जनगणना 2019 के अनुसार, राज्य 3.31 करोड़ पशुधन के साथ देश में सातवें स्थान पर है। 7.43 करोड़ पोल्ट्री पक्षियों के साथ राज्य देश में पांचवें स्थान पर है। वर्ष 2023-24 में राज्य में सहकारी डेयरियों का दैनिक दूध संग्रहण 42.32 लाख लीटर था, जबकि वर्ष 2022-23 में यह उत्पादन 38.45 लाख लीटर था। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2024 के अंत तक महाराष्ट्र में वन क्षेत्र कुल भूमि क्षेत्र का 20.1 प्रतिशत था।
दिसम्बर 2024 तक राज्य में उद्यम पंजीयन पोर्टल पर 2 करोड़ 1 लाख 67 हजार रोजगार के साथ 46.74 लाख औद्योगिक प्रतिष्ठान पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से 45 लाख 3 हजार सूक्ष्म, 1 लाख 53 हजार लघु और 18 हजार मध्यम उद्यम हैं। महाराष्ट्र लॉजिस्टिक्स नीति 2024, महाराष्ट्र पर्यटन नीति 2024, महाराष्ट्र राज्य निर्यात प्रोत्साहन नीति 2023, महाराष्ट्र नई सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा नीति 2023, और एकीकृत और टिकाऊ वस्त्र उद्योग नीति 2023-2028 को भी राज्य में लागू किया गया।
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