Maharashtra-Karnataka Border Dispute: गृहमंत्री के साथ बैठक खत्म, शाह ने कहा- जब तक SC निर्णय नहीं देता कोई बयानबाजी नहीं होगी

नई दिल्ली: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद (Maharashtra-Karnataka Border Dispute) अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के कार्यालय तक पहुंच गया है। मौजूदा सीमा विवाद पर गृह मंत्री ने बुधवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basawraj Bommai) के साथ राज्य के गृह मंत्री भी मौजूद रहे। इस बैठक के बाद जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि, "जब तक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) निर्णय नहीं देता दोनों राज्यों की तरफ से बयान बाजी नहीं करेंगे।" इस के साथ दोनों राज्यों के तीन-तीन मंत्रियों की समिति बनाने का ऐलान भी किया।
संविधान के अनुसार निकलेगा रास्ता
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, “सीमा मुद्दे पर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच आज सकारात्मक माहौल में बैठक हुई. सकारात्मक रुख रखते हुए दोनों राज्यों के सीएम इस बात पर सहमत हुए कि संवैधानिक तरीके से समाधान निकाला जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “जब तक सुप्रीम कोर्ट का इसपर फैसला नहीं आ जाता, कोई भी राज्य इस बारे में एक-दूसरे राज्य पर दावा नहीं करेगा।"
बनेगी तीन-तीन मंत्रियों की समिति
गृह मंत्री ने बताया कि, “मौजूदा सीमा विवाद के साथ दोनों राज्यों में के बीच कई और समस्या भी है। इसके समाधान के लिए दोनों राज्यों के तीन-तीन मंत्रियों की समिति बनाई जाएगी। यह समिति बैठक करेगी और और सीमा विवाद के साथ सभी मुद्दे पर चर्चा करेगी।” विवाद के कारण दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की चिंता खड़ी हो गई है। इसको लेकर गृहमंत्री ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में समिती बनाने की बात कही। यह समिति दोनों राज्यों के सीमा पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखेगी।
फेक ट्विट्टर ने बढ़ाई चिंता
शाह ने कहा, “इस सीमा विवाद को बढ़ाने में फेक ट्विटर ने भी बड़ा काम किया है। नेताओं और पार्टियों के नाम से फेक अकाउंट बनाकर इन अकाउंट के माध्यम से झूठे ट्वीट कर जनता की भावनाओं को भड़का रहे हैं। जिससे दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था बिगड़ जाए।” उन्होंने आगे कहा, “ऐसे ट्विटर खातों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और इसमें शामिल लोगों को सार्वजनिक रूप से बेनकाब किया जाएगा।”
राजनीतिक दल न करें राजनीति
पत्रकारों से बात करते हुए गृहमंत्री ने राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की मांग की है। शाह ने कहा, “के सभी राजनीतिक दलों को विरोध प्रदर्शन करने का हक़ है, लेकिन राज्य की सुरक्षा को देखते हुए दोनों राज्यों के सभी इसे राजनीति का मुद्दा न बताएं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं दोनों राज्यों के विपक्षी दलों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह करता हूं। हमें इस मुद्दे को हल करने के लिए गठित समिति की चर्चाओं के परिणाम और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे समूह सहयोग करेंगे।”

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