छत्रपति शिवाजी महाराज के बाघनख लाने लंदन पहुंचे मंत्री सुधीर मुनगंटीवार
मुंबई: ब्रिटेन ने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अफसल खान को मारने के लिए उपयोग किए गए बाघनख को भारत को तीन साल के लिए देने की मंजूरी दी है। सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से बाघ लाने के लिए लंदन पहुंच चुके हैं। उन्होंने ने आज लंदन में एमओयू पर हस्ताक्षर किए और 16 नवंबर को वह बाघनख को महाराष्ट्र लाएंगे।
एमओयू के बाद संबंधित संग्रहालय इस बाघनख को महाराष्ट्र लाने के लिए मूल्यांकन करेगा और लागत की रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। बीमा प्रक्रिया 25 से 30 अक्टूबर तक की जाएगी। इसके बाद ही संग्रहालय की ओर से समझौते का प्रारूप तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जायेगा।
अंतिम समझौते पर 15 नवंबर को हस्ताक्षर किए जाएंगे और बाघनख 16 नवंबर को मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचेगा।
इस बाघनख को पहले सतारा के संग्रहालय में रखा जाएगा जहां से 15 अगस्त 2024 को ये नागपुर के सरकारी वास्तुकला संग्रहालय में रखा जाएगा। वहीं, मुंबईकरों को बाघ के पंजे 2025 में होंगे।
इसके बाद इसे 15 अप्रैल 2025 को कोल्हापुर वास्तु संग्रहालय लाया जाएगा। 15 नवंबर 2025 को इसे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय में रखा जाएगा। फिर 16 अक्टूबर 2026 को ये बाघनख फिर से लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम के लिए रवाना होंगे।
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