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महाराष्ट्र चुनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी घोषणा, सोयाबीन को छह हजार प्रति क्विंटल भाव देने का किया ऐलान


संभाजीनगर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदर्भ के किसानों को अपनी ओर करने के लिए बड़ा दांव चला है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोयाबीन फसल को प्रति क्विंटल छह हजार भाव देने का ऐलान कर दिया है। पीएम ने कहा, "सोयाबीन उत्पादक किसनो को संकट से त्रिकालने के लिए महायुति की सरकार पहले ही पांच हजार रुपये प्रति दो हेक्टर प्रोत्साहन राशि दे रही है। वहीं अब सोयाबीन का न्यूनतम आधार मूल्य 6,000 रुपये प्रति क्विंटल होगा।"

गुरुवार को संभाजीनगर में आयोजित सभा में संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, "हमारी सरकार सोयाबीन किसानों को संकट से उबारने के लिए अलग से 5000 रुपये दे रही है। महायुति सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी वायदा किया है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार कपास किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है।"

विदर्भ, मराठवाड़ा में सोयाबीन का अधिक उत्पादन होता है। जहां तक ​​विदर्भ का सवाल है, सोयाबीन वाशिम, बुलढाणा, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, चंद्रपुर और भंडारा जिलों के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले पश्चिम विदर्भ में 71 अरब रुपये से अधिक मूल्य का सोयाबीन पैदा होता है।

महायुति सरकार ने पहले इन किसानों को सहायता के तौर पर 5000 रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी. बाद में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भावांतर योजना की घोषणा की। इसके माध्यम से यदि किसानों को उनके सोयाबीन की गारंटी मूल्य से कम कीमत मिलती है, तो अंतर की राशि सीधे किसान के खाते में जमा करने का वादा किया।

इससे जहां किसान खुश हैं, वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी ने सोयाबीन के लिए छह हजार रुपये की गारंटी कीमत की घोषणा की है, जिससे सोयाबीन उत्पादक खुश हैं, वे उत्साहित हैं। मूल रूप से, दिवाली और उसके बाद के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था आमतौर पर सोयाबीन कारोबार पर आधारित होती है।

महाराष्ट्र चुनाव में फसल का भाव बड़ा मुद्दा 

महाराष्ट्र विधानसभा में सोयाबीन के फसल को भाव नहीं मिलना एक बड़ा मुद्दा है। भाव नहीं मिलने को लेकर किसानों में भारतीय जनता पार्टी सहित महायुति सरकार को लेकर बेहद नाराजगी देखी गई है। लोकसभा चुनाव में विदर्भ के अंदर भाजपा को जो नुकसान हुआ उसमें यह एक प्रमुख कारण रहा है। मौजदा चुनाव में भी किसान भाव को एक बड़ा मुद्दा मान रहे हैं, उनका कहना है कि, फसल को भाव नहीं मिलना उसके लिए सबसे अहम् है। हालांकि, अब प्रधानमंत्री मोदी ने जब सोयाबीन की एमएसपी को 6000 करने की बात से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, वहीं भाजपा को भी इसका फायदा मिलेगा।