रमेश बैस होंगे महाराष्ट्र के राज्यपाल, नगरपलिका से लोकसभा तक एक भी चुनाव नहीं हारने का रिकॉर्ड

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 13 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए उनकी जगह झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
रमेश बैस ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत रायपुर नगर निगम से एक पार्षद के रूप में शुरू की थी। इसके बाद विधायक, सांसद और फिर राज्यपाल के पद तक पहुंचे। 2019 में उन्हें पहली बार त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में जाना जाता है जो एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। उन्हें लालकृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता है।
पार्षद से शुरू की राजनीतिक पारी
रमेश बैस ने छत्तीसगढ़ में रायपुर लोकसभा सीट से सात बार सांसद रहे हैं। पहली बार 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे। इसके बाद उनके राजनीतिक करियर का ग्राफ चढ़ता चला गया। वे 1980 से 1984 तक मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। 1989 में वे पहली बार तत्कालीन संयुक्त मध्य प्रदेश (अब छत्तीसगढ़) के रायपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। उसके बाद उन्होंने लगातार सात बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री भी रहे।
कभी कोई चुनाव नहीं हारा
रमेश बैस अब तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। लगातार जीत के बावजूद 2019 में उनका टिकट कट गया। बैस के समर्थकों के अनुसार, उन्हें मुख्यधारा से अलग कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही 2019 का लोकसभा चुनाव खत्म हुआ। उन्हें त्रिपुरा राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। लालकृष्ण आडवाणी के साथ-साथ सुषमा स्वराज से भी उनके अच्छे संबंध थे। सुषमा स्वराज रमेश बैस को अपना भाई मानती थीं।

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