16 अगस्त से हड़ताल पर जाएंगे सरपंच, ग्राम सेवक और कर्मचारी; 'लाड़ली बहना योजना' होगी प्रभावित
नागपुर: कई सालों से लंबित अपनी मांगों को लेकर अब सरपंच, ग्राम सेवक और ग्राम पंचायत कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं। 16 अगस्त 2024 से सरपंच, ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत कर्मचारी, ग्राम रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो 28 अगस्त 2024 को मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
अखिल भारतीय सरपंच परिषद के अध्यक्ष जयंत पाटिल के मुताबिक, सरपंच, ग्राम सेवक और ग्राम पंचायत कर्मचारी मुख्य मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं कि सरपंच को 15 हजार, उपसरपंच को 10 हजार और सदस्य को 3 हजार वेतन मिलना चाहिए. इस संबंध में मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास मंत्री को बार-बार फॉलोअप किया जा रहा है। लेकिन अभी भी हमारी कई मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। जयंत पाटिल ने कहा कि अब आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है. साथ ही, अखिल भारतीय सरपंच परिषद के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मांग की कि ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन को संकटमोचक के रूप में कार्य करना चाहिए और हमारी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
ग्राम पंचायत सदस्यों की प्रमुख मांगें:
- नियमित एवं सम्मानजनक पारिश्रमिक, भत्ता मिलना चाहिए
- सरपंच को 15 हजार, उपसरपंच को 10 हजार और सदस्य को 3 हजार मिलना चाहिए।
- बीमा, पेंशन, निश्चित वेतन ग्राम पंचायत से संबंधित सभी इकाइयों पर लागू किया जाए
- मुंबई में सरपंच भवन की स्थापना होनी चाहिए
- ग्राम सेवक एवं ग्राम विकास अधिकारी को मिलाकर पंचायत विकास अधिकारी कहा जाए
- ग्राम रोजगार सेवक को पूर्णकालिक नियुक्त किया जाए तथा वेतन निर्धारित किया जाए
- कंप्यूटर ऑपरेटरों को ग्राम पंचायत कर्मचारियों की श्रेणी में लाने के लिए कमेटी की रिपोर्ट तत्काल लागू की जाए
- कंप्यूटर ऑपरेटरों का भार ग्राम पंचायत के बजाय सरकार को वहन करना चाहिए
- ग्राम पंचायतों को स्वायत्त निकाय बनने का अधिकार देकर विकास कार्य करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
नागरिकों को परेशानियों का करना पड़ेगा सामना
16 अगस्त 2024 से सरपंच, ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत कर्मचारी, ग्राम रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे। इस आंदोलन में करीब ढाई लाख लोग शामिल होने वाले हैं। इससे प्रदेश की 28 हजार ग्राम पंचायतें प्रभावित होंगी। इससे लड़की बहिन योजना, फसल बीमा के आवेदन भरने का काम बंद हो जाएगा। साथ ही एक साथ कई ग्राम पंचायतें बंद होने से नागरिकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
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