राज्य परिवहन निगम का घाटा बढ़कर 10 हज़ार करोड पार, आमदनी बढ़ाने हर साल इलेक्ट्रिक बस खरीदने का ऐलान

नागपुर: देश के सबसे बड़े सड़क परिवहन नेटवर्क एसटी कॉरपोरेशन का घाटा 2023-24 में बढ़कर 10,324 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2018-19 में यह 4,603 करोड़ रुपये था। हाल ही में जारी श्वेत पत्र में यह जानकारी सामने आई है।
अब राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में श्वेत पत्र पर चर्चा हो सकती है। चर्चा के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक सरकार से घाटे की भरपाई के लिए अनुदान की मांग कर सकते हैं या फिर कुछ जनकल्याणकारी योजनाओं में कटौती भी कर सकते हैं। निगम ने पिछले कुछ सालों में महिलाओं के लिए आधे किराए पर यात्रा समेत कई जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। इस वजह से यह घाटा बढ़ता नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एसटी महामंडल के मुख्यालय में महामंडल की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करते हुए श्वेत पत्र जारी किया गया। उस समय एक अधिकारी ने बताया कि हमारा संचित घाटा और बढ़ने की संभावना है। क्योंकि महामंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,217 करोड़ रुपए का अलिखित घाटा दर्ज किया है। श्वेत पत्र में पिछले 45 वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। इसके अनुसार,
बसों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। क्योंकि निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,217 करोड़ रुपये का अघोषित घाटा दर्ज किया है। श्वेत पत्र में पिछले 45 वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया।
इसके अनुसार, निगम 1987-88, 1990-91, 1994-95, 1995-96, 2006-07, 2007-08, 2008-09 और 2009-10 में लाभ में था। उनमें से चार वर्षों में, राज्य वित्त विभाग के वर्तमान प्रधान सचिव ओ.पी. गुप्ता, एमएसआरटीसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।
सरनाईक ने कहा कि निगम में पहले 1 लाख से अधिक कर्मचारी और 18,500 बसें थीं। अब कर्मचारियों की संख्या 87,000 और बसों की संख्या 14,500 हो गई है।
राजस्व बढ़ाने 5,300 ई- बसें खरीदी जाएंगी
सरनाईक ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए 5,300 ई- बसें खरीदने का प्रस्ताव है। लंबी दूरी के यात्रियों को किराए में छूट देने की योजना है, जो वर्तमान में रियायत के पात्र नहीं हैं। साथ ही कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाएंगी। संकरी सड़कों के लिए 50 मिनी बसें खरीदी जाएंगी।

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