नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया हुई समाप्त, कई ने नाम लिया वापस, तो डटे हुए हैं कई बागी

नागपुर: नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया सोमवार को ख़त्म हो गई। पार्टी से बगावत करने वाले कई उम्मीदवारों ने नागपुर में अपने नामों को वापस ले लिया। लेकिन कई उम्मीदवार अब भी मैदान में डटे हुए हैं। नागपुर शहर की मध्य और पूर्व की सीट में पार्टी के बागी चुनाव मैदान में अपना दमखम दिखाते हुए नजर आएंगे।
राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नतीजे बेहद चौकाने वाले होंगे। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस चुनाव में बागियों का प्रभाव भी कितना रहेगा इसे लेकर भी नजर रहेगी। नागपुर शहर की मध्य और पूर्व की सीट पर पार्टी लाइन के ऊपर उठकर चुनाव लड़ने का मन बनाने वाले उम्मीदवार कितने प्रभावी होंगे ये तो वक्त तय करेगा। लेकिन सोमवार को चुनाव चिन्ह मिलने के बाद ये उम्मीदवार अपना दमखम दिखाते और जीत का दावा करते दिखाई दिए।
पूर्व नागपुर की सीट पर महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों ही गठबंधनों की ओर से बगावत हुई है। कांग्रेस के बागी पुरुषोत्तम हजारे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट से बगावत करने वाली आभा पांडे ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। नामांकन भरने से लेकर नामांकन वापस लिए जाने के बीच नागपुर की मध्य सीट पर जो कुछ घटनाक्रम हुआ है उससे इस सीट पर मुकाबला रोचक से भी रोचक हो गया है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबले में हलबा फेक्टर ने इसे त्रिकोणीय बना दिया है। प्रमुख पार्टियों द्वारा समाज को उम्मीदवारी नहीं दिए जाने से नाराज हलबा समाज ने अपने ही एक उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है। हलबा समाज के मुताबिक वो इस सीट पर चुनाव जीत रहा है।
विधानसभा चुनाव में सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि कई जगहों पर पार्टियों में जमकर बगावत हुई। ज्यादातर बागियों के मानमनव्वल में पार्टियों को कामियाबी भी मिल गई। किंतु जो मैदान में डटे हुए हैं, उनकी मौजूदगी का कितना असर होगा ये आने वाला वक्त ही तय करेगा।

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