उद्धव ठाकरे 1999 से प्रयास में थे......, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बड़ा खुलासा
मुंबई: लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के चौथे दौर का मतदान सोमवार को होगा। इस चरण के लिए प्रचार अभियान शनिवार को समाप्त हो चूका है। बाकी बचे हुए चरणों का प्रचार और तेज हो गया है। इसी बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Dcm Devendra Fadnavs) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लेकर बड़ा दावा किया है। जिसके तहत उद्धव 1999 से ही मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे।
एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, "हम नहीं जान पाए कि उद्धव ठाकरे के मन में क्या था। वह बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के बेटे हैं, भले ही हमें कुछ चीजों का एहसास था, हम बालासाहेब के सम्मान में उन्हें सम्मान दे रहे थे। दरअसल, गठबंधन के सत्ता में आने के बाद 1999 से ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद का सपना देखना शुरू कर दिया था।"
विधायकों की बात को मानने से किया इनकार
उन्होंने आगे कहा, "1999 के चुनाव नतीजों के बाद उनका नाम सामने नहीं आया तो उन्होंने निर्दलीय विधायकों की मांग को नजरअंदाज कर दिया। नारायण राणे फिर से मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा होने से रोकने का हर मौका देखा। राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखना कोई गलत बात नहीं है। मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे को ये सोचना चाहिए कि पद जनहित से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"
सड़क एमएमआरडीए से बनवाने से किया इंकार
फडणवीस ने उदाहरण देते हुए कहा, "एक सरल उदाहरण देता हूं, जब मैं मुख्यमंत्री था, तो उन्होंने कहा था कि तटीय सड़क एमएमआरडीए या सिडको के माध्यम से बनाई जानी चाहिए ताकि काम तेजी से हो सके। उद्धव ठाकरे ने इनकार कर दिया और कहा कि नगर पालिका ऐसा करेगी, अब जनता भी जान गई है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा।"
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