logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर मनपा चुनाव 2025: आरक्षण लॉटरी का भूचाल! प्रफुल्ल गुडधे, जीतेंद्र घोड़ेवार, रमेश पुणेकर को झटका ⁕
  • ⁕ Buldhana: जलगांव जामोद तहसील में दर्दनाक सड़क हादसा; दो दोस्तों की मौत, एक युवक गंभीर घायल ⁕
  • ⁕ अकोला के शिवनी हवाई अड्डे के विस्तार को मिली सरकारी मंजूरी, कई वर्षों से अटकी थी परियोजना ⁕
  • ⁕ Bhandara: लाखनी में सड़क चौड़ीकरण को लेकर विवाद गहराया, नाना पटोले ने पुलिस और कंपनी अधिकारियों को फोन पर लगाई फटकार ⁕
  • ⁕ Buldhana: दिल्ली बम विस्फोट के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट, बढ़ाई गई गजानन महाराज के शेगांव मंदिर में भी सुरक्षा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: आखिर वन विभाग ने आदमखोर बाघ को पकड़ा, दो किसानों की मौत के बाद वन विभाग ने की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ नक्सली वर्गेश उइका ने आत्मसमर्पण किया, 3.5 लाख का इनाम था घोषित ⁕
  • ⁕ मनपा चुनाव: आरक्षण की घोषणा आज, लॉटरी के माध्यम से आरक्षण होगा तय ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Nagpur

नवरात्र में बदलेगा विदर्भ के मौसम का मिजाज; नागपुर, भंडारा समेत कई जिलों में बारिश का अनुमान


नागपुर: विदर्भ में इस बार नवरात्र के दौरान मौसम का मिजाज कुछ अलग रहने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, वहीं तापमान में भी बढ़ोतरी का अनुमान है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को बारिश के साथ उमस और गर्मी से परेशान होना पड़ सकता है।  

मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, नवरात्र के दौरान पूर्वी विदर्भ के नागपुर, भंडारा, गोंदिया और चंद्रपुर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश के साथ-साथ उमस और गर्मी भी लोगों को परेशान कर सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश स्थानीय स्तर पर हो रहे मौसमीय बदलावों का नतीजा है। बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बारिश के लिए कोई अनुकूल स्थिति नहीं बनी है, इसलिए मूसलाधार बारिश की संभावना नहीं है। हालाँकि, कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बढ़ती गर्मी का असर देखने को मिलेगा।

नवरात्र के दौरान नागपुर और विदर्भ के अन्य जिलों में भव्य आयोजन होते हैं। मंदिरों में भारी संख्या में भक्त आते हैं, और शहरों में गरबा और डांडिया के बड़े आयोजन भी होते हैं। ज्यादातर कार्यक्रम खुले स्थानों या मैदानों में होते हैं, इसलिए आयोजकों के लिए जरूरी है कि वे बारिश से बचने के लिए पंडालों की उचित व्यवस्था करें ताकि मौसम की मार त्योहारी रंग में खलल न डाल सके।