कैबिनेट साथियों के साथ विदर्भ दौरे पर पहुंचे थे डॉ. मनमोहन सिंह, 3750 करोड़ के विशेष पैकेज का किया था ऐलान

नागपुर: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सिंह के निधन के बाद से देश में शोक की लहर है। आम से लेकर ख़ास तक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। अपने प्रधानमंत्री काल के दौरान डॉ सिंह ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें 2006 में कैबिनेट के साथ उनका विदर्भ का दौरा और क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की घोषणा भी शामिल रहा। पीएम के इस दौरे ने किसान आत्महत्या का मुद्दा राष्ट्रीय पटल पर पहुंचा।
प्रधानमंत्री बनने के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने एक जुलाई 2006 में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरे में सिंह अपने कैबिनेट के साथ मिलकर किसानों के संकट का प्रत्यक्ष आकलन किया। यह दौरा विदर्भ में किसानों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं और क्षेत्र की कृषि संकट की गंभीरता को समझने के लिए किया गया था।
दौरे का उद्देश्य,
- किसानों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना।
- कृषि संकट के समाधान के लिए नीतिगत निर्णय लेना।
- किसानों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं समझना।
प्रधानमंत्री सिंह के साथ इस दौरे में उनकी कैबिनेट के प्रमुख मंत्री भी शामिल थे, जिनमें कृषि मंत्री शरद पवार, वित्त मंत्री पी चिदंबरम और ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेता शामिल थे। वहीं तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख भी अपनी कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री के साथ मौजूद रहे।
दौरे के दौरान,
- डॉ. सिंह ने विदर्भ के अमरावती, वर्धा, यवतमाल और अकोला का दौरा किया।
- जहां संकटग्रस्त किसानों और उनके परिवारों से की मुलाकात की।
- साथ ही किसानों की समस्याओं को सुनने और समझने के लिए स्थानीय प्रशासन और कृषि विशेषज्ञों के साथ बैठक कीं।
किसानों की दुर्दशा को लेकर गहराई से चिंतित
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, " हम इस क्षेत्र के किसानों की दुर्दशा को लेकर गहराई से चिंतित हैं। सरकार हर संभव प्रयास करेगी ताकि संकटग्रस्त किसानों को राहत दी जा सके और उनकी आजीविका सुरक्षित की जा सके।”
विदर्भ के लिए राहत पैकेज की घोषणा
विदर्भ दौरे और समस्या समाप्त होने के बाद पीएम दिल्ली लौटे और विदर्भ के लिए राहत पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने विदर्भ के लिए लगभग 3,750 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। इस घोषणा में प्रधानमंत्री ने चार बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया। जिसमें,
- छोटे और मझोले किसानों के लिए कर्ज राहत।
- जल संकट को कम करने के लिए सिंचाई योजनाओं का विस्तार करना।
- किसानों को कपास के अलावा अन्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहन करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं लाना प्रमुख रहा।
राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा था किसानों का मुद्दा
यह पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री ने अपनी कैबिनेट के साथ विदर्भा का दौरा किया और केवल क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की। पीएम के इस दौरे ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। उस समय सरकार ने जो निर्णय लिए उसके कारण किसानों को तत्काल राहत मिली। वहीं 2008 में यूपीए सरकार ने जब देश के किसानों का कर्जा माफ़ किया उसकी नीव भी इसी विदर्भ दौरा से पड़ी थी। हालांकि, बाद में पॅकेज के क्रियान्वन और उसको लगने वाले समय को लेकर कई सवाल भी उठाये गए।

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