Chandrapur Loksabha: सुधीर मुनगंटीवार को मिलेगा मौका या हंसराज अहीर पर भाजपा लगाएगी दांव

चंद्रपुर: लोकसभा चुनाव की तारीखे घोषित होने में अभी दो महीने से कम का ही समय बचा हुआ है। लेकिन इसके पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों को धार देना शुरू कर चुकी है। इसी क्रम में चंद्रपुर लोकसभा सीट पर भी भाजपा बीते एक साल में काम में लगी हुई है। हालांकि, प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। एक तरफ जहां राज्य के पर्यावरण मंत्री सुधीर मुनगंटीवार सीट पर दावं ठोका रहे, वहीं दूसरी तरफ हंसराज अहीर भी टिकट की दौड़ में लगे हुए हैं।
2019 के पहले तक चंद्रपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्ज़ा रहा है। यहाँ से हंसराज अहीर लगातार 2004 से चुनाव जीतकर लोकसभा के सदस्य बनते रहे। 2014 में जब मोदी सरकार आई तो अहीर को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हुए बालू धानोरकर ने अहीर को 50 हजार वोटों से हरा दिया।
भाजपा बीते एक साल से चंद्रपुर लोकसभा सीट पर अपना काम कर रही है। पार्ट लगातार जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है। इसी के साथ इसपर भी काम कर रही है कि, सीट पर नए उम्मीदवार को उतरा जाए या पुराने चेहरे पर ही दांव लगाया जाए। अहीर भाजपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। लगातर तीन बार वह लाखों वोटो के साथ जीतते रहे हैं। इसी के साथ अहीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित नितिन गडकरी का करीबी भी माना जाता है। इसी का परिणाम है कि, चुनाव हारने के बावजूद उन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया है।
अहीर भी लगातार टिकट पाने में लगे हुए हैं। 2019 में हारने के बाद ऐसा लगा की उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है। लेकिन अचानक पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद वह दोबारा लोकसभा क्षेत्र में एक्टिव हो गए। वह लगातर लोगों के बीच जाकर पिछली हार का बदला लेने की बात कह रहे हैं।
मुनगंटीवार भी रेस में हैं शामिल
2019 लोकसभा चुनाव के पहले से सुधीर मुनगंटीवार ने चंद्रपुर सीट पर गाहे-बगाहे अपना दावा करते रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर वह इससे बचते हुए पार्टी के निर्देश पर काम करने की बात कही। 2019 के जब भाजपा हारी उसके बाद से ही मुनगंटीवार ने खुले तौर पर अपना दांव करना शुरू कर दिया। वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं की माने तो मुनगंटीवार अहीर के मुकाबले बेहद मजबूत नेता के तौर पर सामने आएं हैं। हालांकि, अब यह देखना होगा की भाजपा किसे चुनावी मैदान में उतारती है।

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