जर्जर हो चुकी हैं शहरी एवं ग्रामीण भागों की सड़कें, तुरंत मरम्मत अपेक्षित

अकोला: कहा जाता है कि विकास का मार्ग अच्छी सड़कों से गुजरता है, मगर जिले के शहरी एवं ग्रामीण भागों की सड़कों को देखकर लगता है कि इस बात की सरासर उपेक्षा की जा रही है. शहर में कुछ समय पहले ही बनाई गई सीमेंट की सड़कों को देखकर कोई विश्वास ही नहीं कर सकेगा कि सीमेंट की सड़कें भी इतनी घटिया हो सकती हैं. इससे ही साबित होता है कि संबंधित यंत्रणा कितनी ज्यादा लचर है. ग्रामीण भागों की स्थिति तो इससे भी बदतर है. सड़कें गड्ढों से भर गई हैं. कुछ जगहों पर गड्ढों में भरी गई निर्माण सामग्रियों के बह जाने सड़कें जानलेवा बन गई हैं. कुछ दिनों पहले तक बारिश जारी होने के चलते मरम्मत कार्य संभव नहीं थे, मगर अब बारिश कई दिनों से बंद है. इस बात को दृष्टि में रखते हुए अब उक्त कार्य शुरू किए जा सकते हैं.
संबंधित यंत्रणा पूर्णत: लचर
सड़कों की मरम्मत की मांग को लेकर शहरी एवं ग्रामीण भागों के लोग निर्माण विभाग एवं महामार्ग यंत्रणा के माध्यम से प्रयास करते हैं, मगर उक्त विभाग के कर्मी जिए पद्धति से कार्य करते हैं, उससे ही उनकी कार्य को लेकर उदासीनता उजागर हो जाती है. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता तो इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें किसी से बात करने तक की फुरसत नहीं मिलती. उन्हें लोगों की असुविधा से कोई सरोकार ही नहीं है, मगर इस प्रवृत्ति पर लगाम जरूरी है. जिले में फिलहाल पालकमंत्री ही नहीं है. बच्चू कड़ू के पालकमंत्री पद पर कार्यकाल के दौरान उन्होंने ऐसे कई ‘अतिव्यस्त’ लोगों को कार्यरत किया था, मगर फिलहाल ने सबकुछ ऑलवेल ही चल रहा है. इस स्थिति में सुधार अत्यंत आवश्यक है.

admin
News Admin