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Buldhana

Buldhana: सरकारी वकील एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार, वाशिम एसीबी की कार्रवाई


बुलढाणा: रिश्वत देने और लेने में अब कोई नवीनता नहीं रह गई है। कुछ समूह किसी भी काम को अपने मनचाहे तरीके से करवाने के लिए रिश्वत देने को तैयार रहते हैं और जो लोग रिश्वत स्वीकार करते हैं, वे भी रिश्वत देने को तैयार रहते हैं। इससे रिश्वत लेने वालों को भी रिश्वत लेने में कोई शर्म महसूस नहीं होती और उनका मनोबल काफी बढ़ गया है। वे रिश्वतखोरी की पराकाष्ठा पर पहुंच गये हैं। बुलढाणा जिले के मेहकर में एक ऑपरेशन में यह बात स्पष्ट हुई। एक महाभगत ने न्यायालय में लाखों की रिश्वत स्वीकार कर असाधारण साहस का परिचय दिया है!

बेशक, रिश्वतखोरी के चरम पर पहुंच चुके इस महारथी को रिश्वत निरोधक विभाग की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इससे बुलढाणा और वाशिम जिलों के कानूनी क्षेत्र में हलचल मच गई है। बहरहाल, चूंकि अदालत में एक लाख रुपये की रिश्वत लेने की यह घटना कुछ हद तक दुर्लभ है, इसलिए यह तय है कि इस घटना से राज्य के कानूनी समुदाय में हलचल मचेगी और इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

वाशिम में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने मेहकर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में यह बड़ी कार्रवाई की है। एक सहायक सरकारी अभियोजक को रिश्वत लेते पकड़ा गया है। जनार्दन मनोहर बोडाडे (61, रा संभाजी नगर मेहकर, जिला बुलढाणा) सहायक लोक अभियोजक का नाम है जिन्हें 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह सज्जन मूलतः सावजी लेआउट, खामगांव, जिला बुलढाणा के निवासी हैं।

मांगे तीन, ले लिए एक लाख

शिकायतकर्ता ने डोंगाँव (मेहकर) पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। बोडाडे ने आरोपी को सख्त सजा दिलाने के लिए अदालत में मजबूत मामला पेश करने के लिए शिकायतकर्ता से तीन लाख रुपये की मांग की थी। अंत में उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए 2.5 लाख में समझौता कर लिया। शुक्रवार को उसे एक लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए पकड़ा गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मेहकर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।