logo_banner
Breaking
  • ⁕ SC ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को लगाई फटकार, स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरा कराने के निर्देश ⁕
  • ⁕ नागपुर में जल्द शुरू होगी ई-बाइक टैक्सी सेवा, सिर्फ 15 रूपये में 1.5 किमी का सफर, सस्ता और आसान ⁕
  • ⁕ Amravati: शिंदे की शिवसेना में अंदरूनी कलह? बैनर से प्रीति बंड की तस्वीर गायब, राजनीतिक गलियारों में बना चर्चा का विषय ⁕
  • ⁕ Bhandara: एक ही दिन में दो कामों पर एक मज़दूर! हिवरा में पांदन सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी-घोटाला ⁕
  • ⁕ Akola: अकोला शहर में भारी बारिश से सड़कें और नालियां जलमग्न, फसलों को नुकसान होने की संभावना ⁕
  • ⁕ Akola: सरकारी अस्पताल परिसर में एक व्यक्ति की पत्थर कुचलकर हत्या, हत्यारा भी हुआ घायल ⁕
  • ⁕ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाएगा महाराष्ट्र का AI मॉडल MARVEL, नीति आयोग ने द्वारा आठ उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं में चयन ⁕
  • ⁕ “राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कैंसर अस्पताल का निर्माण जल्द करें पूरा”, मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को दिए निर्देश ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Gondia

Gondia: सरकारी धान खरीद में 1 करोड़ 43 लाख का गबन, गोरेगांव के तीन केंद्रों के ग्रेडर और प्रमखों पर कार्रवाई


गोंदिया: वर्ष 2023-24 के दौरान सरकारी धान क्रय केंद्र पर खरीदे गए कुल धान से कम धान का उठाव राइस मिलरों द्वारा किया गया. ऑडिट रिपोर्ट से पता चला कि 1 करोड़ 43 लाख 72 हजार 310 रुपये की हेराफेरी हुई है. इस मामले में गोरेगांव पुलिस ने ऑडिटर की शिकायत पर 29 मार्च को गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील में सहकारी क्रय-विक्रय समिति के तहत तीन धान खरीद केंद्रों के तीन ग्रेडर और दो केंद्र प्रमुखों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

गोंदिया जिले में खरीफ और रबी सीजन के दौरान सरकारी धान खरीद केंद्र पर धान की खरीद की जाती है ताकि किसानों को गारंटी मूल्य से कम कीमत न मिले। जिला विपणन महासंघ और आदिवासी विकास महामंडल सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी केंद्र से गारंटी के तहत धान खरीदते हैं।

इसके बाद खरीदे गए धान की थोक बिक्री के लिए राइस मिलर्स से अनुबंध कर सीएमआर चावल को भेज दिया जाता है और सरकार के पास जमा कर दिया जाता है। लेकिन जिले में कुछ संस्थाओं द्वारा खरीदे गये धान को आपस में बेचने के मामले सामने आये हैं और आपराधिक मामले भी दर्ज किये गये हैं।

ऐसी ही स्थिति गोरेगांव सहकारी क्रय-विक्रय समिति के अंतर्गत आने वाले तीन धान खरीदी केंद्रों पर सामने आई है। यहां तीन ग्रेडर और दो केंद्राध्यक्षों द्वारा खरीदे गए धान का दुरुपयोग कर 1 करोड़ 43 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी करने की बात ऑडिट में स्पष्ट हुई। इस मामले में गोरेगांव पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।