Nagpur: शातिर ठग सोंटू जैन की सुनवाई 26 तक टली, पहले अंतरिम राहत दे चुका है हाईकोर्ट
नागपुर: गेमिंग एप् के जरिए जुआरियों को चूना लगाने वाले शातिर ठग सट्टेबाज गोंदिया निवासी अनंत उर्फ सोंटू नवरतन जैन की ओर से हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी. याचिका पर गुरूवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश एम.डब्ल्यू. चांदवानी ने 26 तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. गौरतलब रहे है कि करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी किए जाने के बाद संबंधित व्यापारियों की ओर से पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई थी. जिसके बाद पुलिस ने गोंदिया स्थित सोंटू के आवास पर छापामारी कर 16.90 करोड़ रुपये नकद, 14 किलो सोना और 294 किलो चांदी तो जब्त की थी. साथ ही पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया. हाईकोर्ट ने पहले ही गिरफ्तारी पूर्व अंतरिम जमानत देते हुए राहत प्रदान की है. जमानत की शर्तों के अनुसार सोंटू को क्राइम ब्रांच के ऑफिस में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया गया था इस दौरान हर एक दिन के बाद क्राइम ब्रांच के ऑफिस में सोंटू से पुलिस पूछताछ करती रही परंतु वह पुलिस को गुमराह करता रहा। इस दौरान पुलिस ने उसके खिलाफ दो और मामले दर्ज किये।
सोंटू का पासपोर्ट भी किया गया जब्त
बताया जाता है कि पुलिस ने मामले की जांच प्रभावित ना हो, इसके लिए सोंटू का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है. पुलिस को डर था कि वह दोबारा दुबई वापस न भाग जाए। गत समय अदालत ने सोंटू को अंतरिम जमानत तो प्रदान की. किंतु 8,10 और 12 सितंबर को छावनी स्थित सायबर पुलिस थाना में हाजिरी लगाने के आदेश भी दिए थे. उल्लेखनीय है कि सोंटू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा केंद्रीय गृहमंत्रालय से भी मदद मांगी गई थी. नागपुर के व्यवसायी विक्रम अग्रवाल को सोंटू ने 58 करोड़ का चूना लगाया था. पुलिस द्वारा गोंदिया स्थित आवास पर छापा मारने से पहले ही सोंटू दुबई के लिए रवाना हो चूका था. बताया जाता है कि सोंटू एक माह के टूरिस्ट विजा पर दुबई गया था. गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से भले ही प्रयास किए हो, लेकिन अब अदालत से उसे अंतरिम जमानत प्रदान की गई.
पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद ठग सोंटू ने जमानत के लिए सत्र न्यायालय में अपील की थी. बताया जाता है कि सोंटू के नाम का जो शपथपत्र अदालत को दिया गया था वह फर्जी था. पुलिस ने हाईकोर्ट को भी इसकी जानकारी दी है. जिस समय यह शपथपत्र बनाया गया उस समय सोंटू दुबई में था. ऐसे में शपथपत्र में उसके हस्ताक्षर फर्जी होने की बात सामने आई है. इस प्रकरण में सोंटू के अलावा कितने लोगों की भूमिका है इसकी जांच पुलिस कर रही है. एक तरह से सोंटू ने न्यायालय को भी गुमराह करने का प्रयास किया है. लिहाजा उसपर अब और भी मामले दर्ज हो सकते है. अब पुलिस सोंटू की बहन आस्था जैन, उसकी सहेली रूपा जैन और आस्था के देवर विनय की भी तलाश में जुट गई है. बताया जाता है कि एक टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कोलकाता रवाना हो चुकी है. इसके साथ ही उन्हें वाट्सएप पर बुधवार को ही नोटिस भी भेजा गया है.
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