ठग अजीत पारसे का नया कारनामा आया सामने,सामाजिक संस्था के निदेशकों को डरा कर मांगे थे 50 लाख

नागपुर: नागपुर के स्व घोषित सोशल मीडिया विश्लेषक अजीत परसे का एक और मामला सामने आया है.इस ताजे मामले में उसने सीबीआई के नाम का दुरुपयोग किया है और कोतवाली में स्थित एक संगठन के निदेशकों से 50 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की थी। सूत्रों के माध्यम से सामने आयी जानकारी के मुताबिक अजीत द्वारा बिछाए गए जाल में संस्थान लगभग फंस ही गया था और उसके घबराए हुए निवेशकों ने पैसे की व्यवस्था भी कर ली थी लेकिन समय रहते पारसे के जाल का पर्दा उठ जाने के कारण संस्थान बाल-बाल बच गया। सूत्रों के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र में एक सामाजिक संस्था है. जिसके पांच से छह निदेशक समाज में विभिन्न विषयों पर जागरूकता फ़ैलाने के लिए सामाजिक कार्य करते हैं। उसके माध्यम से प्रयोग, शिक्षा और प्रशिक्षण का कार्य भी किया जाता है.पारसे ने अपने एक क़रीबी जो संस्थान के निदेशकों के भी संपर्क में था उसके माध्यम से जाल बुना था. अजीत ने फर्जी सीबीआई जांच पत्र पेश किया और उस पत्र पर नकली टिकट लगा दिए गए थे। वह पत्र संस्थान के निदेशक को भेजा गया था। पारसे का क़रीबी हमेशा की तरह संस्था के निदेशक से मिला। उसने कहा कि वह दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में पारसे को जानता है उससे अनुरोध कर सीबीआई जांच को रोकने की कोशिश करने की सलाह उसने संस्थान के निदेशकों को दी.इसके बाद कार्रवाई के डर से डायरेक्टर ने पारसे से मुलाकात की। उसने सीबीआई के पत्र को देखने और कार्रवाई रोकने के लिए सीबीआई अधिकारियों को 50 लाख रुपये देने का नाटक किया गया। संस्थान के निदेशक डर से पैसे देने के लिए सहमत थे की इसी बीच पारसे द्वारा डॉ. राजेश मुरकुटे से साढ़े चार करोड़ की ठगी की बात बाहर आ गयी। जिस वजह से यह संस्थान और उसके निदेशक ढगी का शिकार होने से समय रहते बच गए.

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