जिनके कंधों पर थी अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी वही इसका हिस्सा बन गए

वर्धा: वर्धा में पुलिस की कमान संभालने के बाद अधीक्षक नूरुल हसन चर्चा में है.तेज तर्रार पुलिस अधिकारी की पहचान रखने वाले हसन ने जिले में अवैध धंधों और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कई प्रयास शुरू किये है.इसी कड़ी में अवैध व्यवसाय पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने विशेष अपराध शाखा का गठन किया है.लेकिन इसी शाखा में शामिल कुछ पुलिसकर्मी दी गयी जिम्मेदारी को छोड़ दूसरे ही काम करने लगे वो अवैध कारोबार में शामिल अपराधियो के साथ ही हो लिए इससे जुडी शिकायतें लगातार मिल रही थी.शिकायत के बाद सबूत भी मिले जिसके बाद तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. धीरज राठोड, राकेश इतवारे और पवन देशमुख निलंबित पुलिसकर्मियों के नाम है.निलंबन की अवधि के दौरान ी न तीनो पुलिसकर्मियों को मुख्यालय से अटैच किया गया है.इन तीनों पर आरोप है की इन्होने अवैध व्यवसयियों से पैसे की मांग की इसके साथ ही आनंदनगर भाग में एक से 30 हजार रुपए भी लिए.
जिले में अवैध रेत विक्रेता,नशीले पदार्थ,शराब बिक्री,सट्टा-बैटिंग करने वाले व्यवसायियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक ने क्राइम इंटीलिजेन्स युनिट के खास दस्ते को तैयार किया था.इस दस्ते ने लगातार कार्रवाई कर अवैध व्यवसायियों पर दबदबा भी निर्माण किया था. लेकिन यह पथक पैसे के उगाही के काम में लग गया.इन तीनों की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया गया.

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