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Gondia

Gondia: मधुमक्खियों के हमले में मृतक के परिवारों को मुआवजा देने की मांग


गोंदिया: मधुमक्खियों के हमलों से अनेक किसान व मजदूरों की जान चली जाती है। वहीं जहरीले सांप व बिच्छू के काटने से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवारों को 2 लाख रु। का मुआवजा दिया जाता है। लेकिन मधुमक्खियों के डंक से मृतक के परिवारों को कोई आर्थिक सहायता भी नहीं दी जाती। इसका मुख्य कारण यह बताया जाता है कि शासन द्वारा जारी परिपत्रक में इस तरह की दुर्घटना या मृत्यु पर कोई उल्लेख नहीं है। 

हाल ही में गोरेगांव तहसील के कुरहाडी ग्राम परिसर के खेतों में काम कर रहे महिला-पुरुष खेत मजदूर व खेत मालिक पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। जिसमें 2 की मृत्यु हो गई। किसानों द्वारा मांग की जा रही है कि जिस तरह से गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना के तहत सांप, बिच्छु काटने वाले पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाता है, इसी तर्ज पर मधुमक्खियों के हमले में मृत्यु होने वाले पीड़ित परिवारों को मुआवजे का लाभ दें। 

उल्लेखनीय है की खेतों में काम करते समय आसमानी बिजली, जहरीले सांप, बिच्छू, जंगली जानवरों के हमले तथा काटने, बाढ़ के पानी में बहने से मृत्यु हो जाने पर पीडित परिवारों को शासन द्वारा संचालित गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना के तहत 2 लाख रु। का मुआवजा तथा अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाता है। लेकिन मधुमक्खियों के हमले में किसी भी किसान या खेत मजदूर की मृत्यु हो जाती है तो शासन की ओर से मुआवजा नहीं दिया जाता। 

जबकि जानकारों का कहना है कि मधुमक्खी यह जहरीला कीटक प्रजाति का ही एक जीव है। मधुमक्खियों के डंक से व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। इस तरह के कई मामले गोंदिया जिले में ही नहीं तो राज्य में सामने आ चुके है। इसी तरह का मामला गोरेगांव तहसील के कुरहाडी ग्राम में सामने आया है। जब किसान व खेत मजदूर धान रोपाई का काम कर रहे थे की इसी दौरान अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। 

इस घटना में सुमन आनंदराव आमदे व लक्ष्मीचंद पुरनलाल पटले की मृत्यु हो गई। वहीं 5 खेत मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जब इस घटना के संदर्भ में तहसील प्रशासन से पुछा गया की पीडित परिवारों को गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना के तहत लाभ मिलेगा या नहीं। जिस पर तहसीलदार द्वारा जानकारी दी गई की मधुमक्खियों के डंक से मृत्यु पर परिपत्रक में कोई उल्लेख नहीं है। फिर भी इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है।