logo_banner
Breaking
  • ⁕ खातों में निकली 22.76 करोड़ रुपए की अनियमितता, सीनेट में बवाल, कुलगुरु ने जांच समिति गठित, सवालों के घेरे में विश्वविद्यालय प्रशासन ⁕
  • ⁕ Amravati: तलेगांव ठाकुर जंक्शन से कई सूचना फलक अचानक हटे, जमीन पर मिले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र सहित विभिन्न संस्थानों के सूचना फलक ⁕
  • ⁕ Wardha: जिले की देवली नगर परिषद में मतदान जारी, मतदाता सुबह से विभिन्न मतदान केंद्रों पर डाल रहे वोट ⁕
  • ⁕ Gondia: गोंदिया और तिरोड़ा नगर परिषद् के वार्डो में मतदान जारी, 18 हजार मतदाता करेंगे 18 उम्मीदवारों का फैसला ⁕
  • ⁕ विदर्भ की सात सहित 23 नगर परिषद में आज मतदान, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था, रविवार को होगी परिणामों की घोषणा ⁕
  • ⁕ खापरी ROB–MIHAN इंटरचेंज फ्लाईओवर का काम हुआ शुरू, 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य ⁕
  • ⁕ बुटीबोरी एमआईडीसी हादसा: मुख्यमंत्री फडणवीस ने जताया शोक, मृतकों को सरकार पांच, तो कंपनी को देगी 30 लाख का मुआवजा ⁕
  • ⁕ Chandrapur: चंद्रपूर मनपा में नया विवाद; आयुक्त के ‘अलिखित फरमान’ से अधिकारी-कर्मचारी परेशान ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ Nagpur: चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन चोरी की वारदातों का खुलासा, क्राइम ब्रांच यूनिट 3 की कार्रवाई ⁕
Gondia

Gondia: 35 और राइस मिल हुई ब्लैकलिस्ट, संख्या बढ़कर 42 पहुंची


गोंदिया: चावल नगरी के नाम से मशहूर गोंदिया जिले में दूसरे चरण में गोंदिया जिले के 35 राइस मिलर्स को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। इससे पहले भी देवरी तालुका के सात चावल मिलर्स को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। खास बात यह है कि गोंदिया जिले में चावल का भंडारण करते समय यहां के चावल गुणवत्ता अधिकारी चावल की गुणवत्ता की जांच करते हैं और चावल को गोदाम में संग्रहीत करते हैं। जब दूर से एकत्र किया गया चावल दूसरे जिले में जाता है, तो केंद्रीय टीम के निरीक्षण से पता चलता है कि वही चावल मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त है, जो गोंदिया जिले के जिला आपूर्ति अधिकारी और चावल गुणवत्ता अधिकारी के काम पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

गोंदिया जिला विपणन महासंघ के साथ-साथ आदिवासी विकास महामनला ने गोंदिया जिले और अन्य जिले के चावल मिल मालिकों के साथ गोंदिया जिले में खरीदे गए सरकारी अनाज को भेजने के लिए एक समझौता किया है। दूसरे राज्यों में धान की कीमत अधिक होने के कारण यहां के राइस मिलर्स चावल मिलर्स को दिए जाने वाले अनाज को बिना भेजे ही अनाज बेचने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य से चावल खरीदकर गोंदिया जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से सीएमआर के नाम पर जमा कर देते हैं। वहीं दूसरी ओर वही चावल जिले के बाहर अनाज भंडारों में ग्राहकों को देने के लिए भेज दिया जाता है।

चूंकि अनाज दुकानों में आपूर्ति किया गया चावल मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है या नहीं, इसकी जिम्मेदारी एफसीआई की केंद्रीय टीम की है, इसलिए केंद्रीय टीम गुप्त रूप से जिले के अनाज दुकानों में आपूर्ति किए गए या वहां से एकत्र किए गए चावल गोदामों में जाकर भंडारित चावल की जांच कर रही है। राज्य के अन्य जिलों में भेजे गए चावल का निरीक्षण करने पर 35 चावल मिल मालिकों द्वारा मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त चावल एकत्र करने के बाद गोंदिया जिले के लगभग 35 चावल मिल मालिकों को तीन साल के लिए काली सूची में डाल दिया गया है।