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Gondia

Gondia: शेरपार जंगल में बाघ का शिकार, वन विभाग ने 11 लोगों को किया गिरफ्तार


आमगांव: छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर के कुछ लोग गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील के शेरपार जंगल में शिकार की गई बाघ की खाल खरीद रहे थे। उन्हें बीजापुर वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ की खाल के साथ गिरफ्तार किया है। इस बीच घटना की जांच करते हुए बीजापुर वन विभाग के अधिकारियों ने अब तक इसमें शामिल 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें गोंदिया जिले के आमगांव व सालेकसा तहसील के 11 लोग शामिल हैं। 8 जुलाई को बीजापुर वन विभाग की टीम द्वारा आमगांव व सालेकसा से आरोपियों को हिरासत में लिया गया।

नवेगांव-नागझिरा बाघ प्रकल्प जिले में स्थित है और जिले से सटा हुआ मध्यप्रदेश राज्य का वन क्षेत्र भी है। इसका फायदा उठाकर जिले में वन्य जीवों की तस्करी करने वाला गिरोह सक्रिय होने की बात सामने आई है। सालेकसा के जंगल से एक बाघ का शिकार किया और उसकी खाल, पंजे, हड्डियां और मूंछ के बाल छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर के सीआरपीएफ सब-इंस्पेक्टर अमित झा और उनके 20 साथिदारों को बेच दिया गया। 

बीजापुर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस अपराध में अमित झा समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। विस्तृत जांच करने पर पता चला कि यह बाघ की खाल सालेकसा तहसील के शेरपार जंगल से एक बाघ का शिकार करने के बाद बेची गई थी। मुख्य आरोपी सालेकसा तहसील के कोसाटोला/मुरपार निवासी शालिक मरकाम (55), सूरज मरकाम (45), नवाटोला निवासी जियाराम मरकाम ने बाघ को करंट लगाकर मारने की बात कबूल की। साथ ही छत्तीसगढ़ वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घटना स्थल से बाघ की हड्डी के टुकड़े बरामद किए गए हैं। 

आरोपियों ने बताया कि वे बाघ के पंजे और मूंछ के बाल बेच रहे थे। इन तीनों को बाघ की खाल बेचने में मदद करने वाले आरोपी लभानधारनी निवासी गेंदालाल भोयर (55), भाडीपार निवासी​तुकाराम बघेले (59), दरबड़ा निवासी अंगराज कटरे (67), सिंधीटोला निवासी वामन फुंडे (60) को सालेकसा तहसील से गिरफ्तार किया गया। जबकि आमगांव निवासी शामराव शिवनकर (53), जीतेंद्र पंडित, भंडारा जिले के बोदरा निवासी यादवराव पंधरे, गुदमा निवासी अशोक खोटेले (50) को आमगांव तहसील से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को बीजापुर छत्तीसगढ़ ले जाया गया है।

शिकार की जानकारी वन विभाग को नहीं

गोंदिया जिले में कई वर्षों से बाघों की हत्या हो रही है। लेकिन गोंदिया जिले का वन विभाग अभी भी सो रहा है। सालेकसा तहसील के शेरपार में बाघ का शिकार किया गया। लेकिन इसकी जानकारी गोंदिया जिले के वन विभाग को नहीं है। यह चर्चा की बात बन गई है।