राज्य में ‘मत्स्य पालन’ को मिला ‘कृषि’ का दर्जा, मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने दी जानकारी

मुंबई: राज्य में आज मंगलवार से मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने का निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया। मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने इस बात की जानकारी दी। नितेश राणे ने मंत्रालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह यह जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक महेश बालदे और उनके भाई कोलीबांधव उपस्थित थे।
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि मछली पालन उद्योग देश को विदेशी मुद्रा और प्रोटीन युक्त भोजन उपलब्ध कराने में प्रमुख भूमिका निभाता है। राज्य कृषि की तरह ही मत्स्य पालन क्षेत्र में भी अच्छा उत्पादन और आय सृजित करने में सक्षम है। आज के निर्णय से राज्य के 4 लाख 83 हजार मछुआरों को लाभ मिलेगा।
राणे ने कहा कि मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा नहीं था, इसलिए मछुआरे, मछलीपालक और मत्स्य किसान अनेक बुनियादी सुविधाओं और रियायतों से वंचित थे। राज्य में मछली पालन को कृषि का दर्जा देने तथा मछुआरों, मत्स्य पालकों एवं मत्स्य पालकों को अनेक बुनियादी सुविधाएं एवं रियायतें प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। इससे राज्य के मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
नितेश राणे ने बताया कि किसानों को कृषि क्षेत्र के लिए आवश्यक बीज, ट्रैक्टर, उपकरण, उर्वरक आदि के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। इसी प्रकार, इस निर्णय के कारण अब मछुआरों को मछली के बीज, भोजन, पैडलव्हील एरेटर और वायु पंप की खरीद के लिए सब्सिडी मिलेगी।
मंत्री राणे ने कहा कि जिस तरह सरकार सूखा या भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में कृषि क्षेत्र के किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करती है, उसी तरह मछुआरों को भी सरकार की ओर से राहत पैकेज मिलेगा। किसानों को प्रदान की जाने वाली फसल बीमा की तरह, मछली उत्पादन के नुकसान के लिए मछली किसानों और मछली प्रजनकों के लिए भी मछली बीमा योजना की घोषणा की जाएगी।

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