ई-चालान को लेकर मालवाहक और स्कुल बस एसोसिएशन ने बुलाई हड़ताल; आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर संभावित प्रभाव

मुंबई: प्रदेश में ई-चालान प्रणाली के माध्यम से की जा रही अन्यायपूर्ण दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ मालवाहक एवं स्कूल बस एसोसिएशन ने आक्रामक रुख अपनाया है। इस पृष्ठभूमि में पूरे प्रदेश में चक्का जाम आंदोलन का आह्वान किया गया है। मालवाहक एसोसिएशन ने मंगलवार, 1 जुलाई से हड़ताल शुरू कर दी है तथा प्रदेश के सभी जिलों से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। इसके बाद स्कूल बस एसोसिएशन ने बुधवार, 2 जुलाई को हड़ताल का आह्वान किया है। उम्मीद है कि इस हड़ताल में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन स्वामियों के साथ-साथ प्रतिदिन छात्रों को लाने-ले जाने वाले बस चालक भी भाग लेंगे।
ई-चालान प्रणाली से वाहन स्वामी परेशान
एसोसिएशन के अनुसार ई-चालान प्रणाली के माध्यम से की जाने वाली सीसीटीवी, वेब रीडर एवं जीपीएस आधारित कार्रवाई अक्सर गलत होती है तथा इसका परिणाम वाहन चालकों पर आर्थिक एवं मानसिक तनाव के रूप में सामने आता है। स्कूल प्रवेश द्वार के पास छात्रों को छोड़ने या लेने के दौरान भी स्कूल बस चलाने वाले वाहन स्वामियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किए जाने से आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। सरकार पर लगातार अनदेखी का आरोप
माल परिवहन और स्कूल बस संगठनों ने सरकार पर पिछले कई सालों से उनकी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। वाहन मालिकों पर यातायात पुलिस द्वारा अनुचित कार्रवाई, अनुचित जुर्माना और तकनीकी समस्याओं के कारण गलत नोटिस के मामलों में वृद्धि हुई है, और संगठनों ने इस संबंध में ठोस उपाय करने की मांग की है। इस हड़ताल से राज्य में स्कूली परिवहन और माल की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।
महाराष्ट्र राज्य वाहन चालक-मालिक और प्रतिनिधि महासंघ ने राज्य में माल परिवहन और यात्री वाहन चालकों से जबरन जुर्माना वसूलने की कार्रवाई को रोकने के साथ ही ई-चालान के नाम पर चल रही आर्थिक लूट को रोकने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो वह 1 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देगा। महासंघ ने संभावना जताई है कि यह हड़ताल व्यापक रूप लेगी और आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति को भी प्रभावित करेगी। संगठन के अनुसार अगर सरकार तत्काल निर्णय नहीं लेती है तो हड़ताल की तीव्रता बढ़ेगी।
महाराष्ट्र राज्य वाहन चालक-मालिक एवं प्रतिनिधि महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बाबा शिंदे ने कहा कि राज्य के सभी संगठनों के प्रमुखों ने सार्वजनिक रूप से हड़ताल का समर्थन किया है और चक्का जाम में भाग लेंगे। ई-चालान प्रणाली के माध्यम से की गई अन्यायपूर्ण दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार से चक्का जाम आंदोलन का आह्वान किया गया है। यह मामला ट्रांसपोर्टरों के हित में है और हो रही प्रताड़ना पर करारा प्रहार है।
संगठन की क्या मांगें हैं?
- ई-चालान, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि स्कूल परिवहन सेवाओं के संबंध में सभी सिफारिशें स्कूल बस सेवाओं पर लागू की गई हैं, को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
- सभी अनुमोदित स्कूल बस चालकों को पहचान पत्र दिए जाने चाहिए।
- स्कूल बस वाहनों पर नियमों का पालन करने वाले वाहनों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।
- सरकार, आरटीओ, पुलिस और परिवहन संगठनों के साथ एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए।

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