राज्य में मानसून की गति हुई धीमी, बढ़ने लगा तापमान; मौसम विभाग ने किसानों से की ख़ास अपील

नागपुर: इस साल मानसून तय समय से पहले महाराष्ट्र में पहुंचा। राज्य ने मई में मानसून के आगमन का रिकॉर्ड बनाया। मई में भी भारी बारिश हुई। इस बारिश के कारण नदियां और नाले दो दिशाओं में बहने लगे। लेकिन अब राज्य में बारिश की गति धीमी हो गई है। 12 जून तक बारिश में विराम लगने की संभावना है। शनिवार रात को मुंबई में छिटपुट बारिश हुई। हालांकि, रविवार को वातावरण में बारिश का कोई संकेत नहीं था।
हालांकि राज्य में मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से हुई, लेकिन अब इसकी गति धीमी हो गई है। इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाएं तेजी से चलीं और देश में जल्दी पहुंच गईं। 26 मई को राज्य में प्रवेश करने वाली बारिश ने कोंकण, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं विदर्भ के कई जिलों में भी तेज बारिश देखी गई। हालांकि, पिछले चार दिनों से कई हिस्सों में बारिश में विराम लगा है।
मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल मानसून का प्रवाह कमजोर हो गया है। इसके कारण राज्य में बारिश की मात्रा कम होगी। कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र में कहीं-कहीं हल्की बारिश होगी। विदर्भ में कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मई में राज्य में भारी बारिश हुई। लेकिन पिछले 48 घंटों से मानसून थम गया है। नागपुर, मुंबई, पुणे, कोंकण में बारिश नहीं हो रही है। इस वजह से पिछले तीन दिनों से अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। तापमान 22 डिग्री से 32 से 38 डिग्री पर पहुंच गया है।
अभी बुवाई में जल्दबाजी न करें
कृषि विभाग ने किसानों को अभी बुवाई में जल्दबाजी न करने की सलाह दी है। क्योंकि अगले कुछ दिनों में मानसून की प्रगति धीमी रहने की संभावना है। हालांकि मौसम विभाग ने 12 जून के बाद फिर से बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना जताई है। मौसम विभाग का आधिकारिक कार्यालय 1 जून से मानसून सीजन की बारिश को रिकॉर्ड करना शुरू करता है। 1 जून से 30 सितंबर तक की बारिश को मानसून की बारिश के रूप में दर्ज किया जाता है।

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