मुख्यमंत्री ने की वन एवं कृषि विभाग की अगले 100 दिनों की योजना की समीक्षा, जन-केंद्रित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का दिया निर्देश
मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सह्याद्रि गेस्ट हाउस में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, वन एवं कृषि विभाग की अगले 100 दिनों की योजना की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभागों को अगले 100 दिनों की योजना में ठोस प्रदर्शन करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा निर्देश दिया कि विभाग राज्य की समग्र प्रगति के लिए अगले 100 दिनों की योजना तैयार कर रहा है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस योजना में जन-केंद्रित योजनाएँ, प्रौद्योगिकी के उपयोग से नागरिकों को आसानी से लाभ पहुँचाने वाली योजनाएँ, राज्य के नेतृत्व को बनाए रखते हुए प्रगति के शिखर पर ले जाने वाली उपलब्धियाँ शामिल होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, “वन विभाग को जंगली जानवरों और मनुष्यों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से उपाय करना चाहिए. मानव-वन्यजीव संघर्ष में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एक त्वरित प्रतिक्रिया बल की स्थापना की जानी चाहिए. इस बल में जनशक्ति को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.”
फडणवीस ने कहा, “वन विभाग को अगले 100 दिन की योजना में ऐसे उपाय शामिल करने चाहिए. वृक्षारोपण की संस्कृति को विकसित करने के लिए ऐसी नवीन गतिविधियों को स्थायी रूप से लागू किया जाना चाहिए. इस योजना के माध्यम से लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए आवश्यकतानुसार उन्हें अन्य राज्यों के अभयारण्यों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए. फडणवीस अधिकारियों को निर्देश दिया कि तेंदुआ आश्रय केंद्रों की क्षमता बढ़ाई जाए. विभाग को कार्बन क्रेडिट कंपनी स्थापित करने के लिए नीति तैयार करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “शहरी क्षेत्रों में वनीकरण बढ़ाने के लिए शहरों में मियावाकी वृक्षारोपण विधि का उपयोग किया जाना चाहिए. कृषि विभाग अपनी योजनाओं के केन्द्र में किसानों को रखकर योजनाओं का क्रियान्वयन करें. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को देश में आने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को आकर्षित कर शैक्षणिक परिसरों का निर्माण करना चाहिए.”
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