NAAC मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए महाविद्यालयों को दी गई छह माह की छूट, शिक्षा मंत्री चद्रकांत पाटिल ने दी जानकारी

मुंबई: राज्य में विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को ध्यान में रखते हुए, महाविद्यालयों को अवसर प्रदान करने के लिए, विद्यार्थियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने के उद्देश्य से नैक (NAAC) मूल्यांकन अथवा पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए महाविद्यालयों को 6 माह की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चद्रकांत पाटिल ने दी।
मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी गैर-कृषि विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध महाविद्यालयों के लिए नैक मूल्यांकन एवं पुनर्मूल्यांकन अनिवार्य है। NAAC मूल्यांकन किसी कॉलेज की गुणवत्ता का माप है और शिक्षा की गुणवत्ता और मानक में सुधार के लिए हर पांच साल में कॉलेज का मूल्यांकन/पुनर्मूल्यांकन करना अनिवार्य है। महाराष्ट्र इस संबंध में अग्रणी है और NAAC मूल्यांकन में प्रथम स्थान पर है।
NAAC बैंगलोर ने नई बाइनरी प्रत्यायन प्रणाली के कार्यान्वयन की वर्तमान प्रक्रिया के कारण पोर्टल को अद्यतन करने का कार्य अपने हाथ में लिया है। पोर्टल चालू होते ही महाविद्यालयों को तुरंत नैक मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू कर देनी होगी। इस संबंध में विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित महाविद्यालयों से लिखित आश्वासन प्राप्त कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई शुरू करें।

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