मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नकल मुक्त अभियान की सफलता के लिए राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा किए गए विभिन्न उपाय

मुंबई: मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 12वीं और 10वीं की परीक्षा की पृष्ठभूमि में सर्वसंबंधित पक्षों की बैठक की और नकल मुक्त माहौल में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे और मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने भी बैठक कर इस संबंध में निर्देश दिये। इस निर्देश के तहत महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के माध्यम से विभिन्न उपाय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों के साथ परीक्षा की तैयारियों और की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में बातचीत की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्री उपस्थित थे।
कक्षा 12वीं की परीक्षा आज से 18 मार्च तक 3,373 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। दसवीं कक्षा की परीक्षा 21 फरवरी से 17 मार्च तक 5,130 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। शिक्षा विभाग ने बताया कि इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
नकल रहित परीक्षा का कार्यान्वयन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्र क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। परीक्षा केंद्र और 100 मीटर के भीतर अनधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश करने पर पूरी तरह से रोक लगाई जानी चाहिए, छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते समय किसी भी प्रकार की नकल सामग्री (पुस्तकें, नोट्स, मोबाइल फोन) नहीं ले जाने के लिए सावधान रहना चाहिए, और उड़नदस्तों के माध्यम से नकल-मुक्त परीक्षा का प्रभावी कार्यान्वयन अपेक्षित है।
नियुक्त किए जाएं विशेष बैठक दल
सभी परीक्षा केन्द्रों पर जिला कलेक्टर द्वारा विशेष सिटिंग टीम नियुक्त की जाए। सिटिंग टीम परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले परीक्षा केन्द्र पर पहुंचे तथा परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं कस्टोडियन को सौंपे जाने तक नियंत्रण बनाए रखे। उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील केन्द्रों पर कुशल एवं वरिष्ठ अधिकारियों को सिटिंग टीम के रूप में नियुक्त किया जाए।
संवेदनशील केंद्रों पर ड्रोन से रखी जाएगी नजर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर ड्रोन कैमरों और वीडियो कैमरों के माध्यम से चौबीसों घंटे निगरानी की जानी चाहिए। सभी तालुकाओं में परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा, सिटिंग स्क्वॉड, ड्रोन और वीडियो कैमरे चालू होने चाहिए। इसकी निगरानी के लिए जिला कलेक्टर को प्रत्येक तहसील के लिए एक विभागाध्यक्ष और डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए गए।

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