बिजलीकर्मियों ने हड़ताल की समाप्त, उपमुख्यमंत्री फडणवीस से चर्चा के बाद लिया निर्णय
मुंबई: महावितरण (Mahavitran) के बिजली कर्मचारियों और संगठनों ने 72 घंटे के बुलाई हड़ताल को वापस ले ली है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (DCM Devendra Fadanvis) की मुलाकात के बाद बिजली कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया। बैठक के दौरान ऊर्जामंत्री ने आश्वासन दिया कि, किसी भी सरकारी कंपनियों (Government Companies) का निजीकरण नहीं किया जाएगा। इसके बाद कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ऊर्जा विभाग के अधिकारी, महाविदारन, महानिर्मिती, महापर्वेशन विभाग के पदाधिकारियों और विभिन्न बिजली कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने आज दोपहर करीब एक बजे सह्याद्री गेस्ट हाउस में बैठक की। इस बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में आंदोलन कर रहे संगठनो और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने हड़ताल वापस लेने की जानकारी दी।
50 हजार करोड़ का होगा निवेश
इस बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बिजली कंपनियों का कोई निजीकरण नहीं चाहती है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार अगले तीन साल में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
राज्य के हित में करें फैसला
अदाणी ग्रुप ने सरकारी बिजली कंपनियों के समानांतर लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इसी के विरोध में बिजली कर्मियों ने 72 घंटे जो हड़ताल बुलाई है। इस बारे में बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि बिजली कर्मचारी संघों ने यह स्थिति सामने रखी थी कि सरकार को समानांतर लाइसेंसों के संबंध में विद्युत नियामक आयोग को आवेदन करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि सरकार स्टैंड लेगी कि राज्य विद्युत नियामक आयोग उसके हित में फैसला करेगा। सरकार संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर सकारात्मक है। फडणवीस ने कहा कि ट्रेड यूनियनों द्वारा की गई भूमिका राज्य सरकार की भूमिका है।
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