नाना पटोले को लेकर अशोक चव्हाण का बड़ा बयान, कहा- वह मेरा सुनकर करते हैं काम

नागपुर: राज्य में दो स्नातक और तीन शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए हाल ही में चुनाव हुए थे। चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा नासिक स्नातक और नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की रही। इन दोनों ही जगहों पर टिकट कटने को लेकर जमकर ड्रामा हुआ। हर कोई ये जानने को उत्सुक है कि पर्दे के पीछे क्या हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने सुनाई 'पर्दे के पीछे' की कहानी।
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े के जन्मदिन के उपलक्ष्य में कल शाम नागपुर के पास महादुला में एक समारोह आयोजित किया गया। जिसमें अशोक चौहान सहित कांग्रेस के तमाम नेता शामिल हुए। इस दौरान बोलते हुए चव्हाण ने विदर्भ की सीट को लेकर परदे के पीछे क्या हुआ इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, नागपुर संभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सुधाकर अडबले के मामले में यह सीट बहुत अच्छे तरीके से हमारे पास आई थी। विदर्भ की दोनों सीटों पर हम अच्छी तरह से जीते। अडबले का मामला आया तो बबनराव तायवाड़े, सुनील केदार, विजय वडेट्टीवार का फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा कि अब ध्यान देना चाहिए। नहीं तो कुछ और हो सकता है। फिर मैंने नाना पटोले को फोन किया और उन्हें नागपुर की स्थिति बताई।"
चव्हाण ने कहा, "नाना के न सुनने जैसी कोई बात नहीं है। क्या वे सुनते हैं, आप नहीं जानते। लेकिन नाना मेरी बात सुनते हैं। लेकिन नाना को समझाने का तरीका थोड़ा साफ-सुथरा होना चाहिए।"
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "मैंने नाना से कहा कि इस सीट (सुधाकर अदबले) का चुनाव हो सकता है। जरा देखिए कि हमारे लोग वहां क्या कर रहे हैं। सभी ने नाना से कहा कि सुधाकर अडबाले ही एकमात्र उम्मीदवार हैं जिन्हें हम यहां चाहते हैं। क्योंकि वे निर्वाचित हो सकते हैं। नाना ने उनकी बात मान ली और सुधाकर अडबाले ने टिकट दे दिया और वह चुनाव जीतकर विधायक बन गए।"

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