एक साल में शहर से 18 करोड़ की बिजली चोरी का खुलासा, 296 उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज
नागपुर: शहर में बिजली चोरी करने वालों पर महावितरण ने छापा मार कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर महावितरण के क्षेत्रीय प्रमंडल के अंतर्गत कार्यरत सुरक्षा एवं प्रवर्तन विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसके तहत पिछले के साल में विभाग ने 18 करोड़ की बिजली चोरी का पता लगाया है, इस दौरान 296 उपभोक्ताओं के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है। महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विजय सिंघल के मार्गदर्शन और कार्यकारी निदेशक (सुरक्षा और प्रवर्तन) प्रमोद शेवाले के निर्देशन में उप निदेशक (एसयूवी) सुनील थापेकर की देखरेख में एक कार्रवाई की जारही है।
नागपुर क्षेत्रीय प्रभाग के तहत सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग द्वारा अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि के दौरान कुल 13,585 उपभोक्ताओं का निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान 2719 उपभोक्ता बिजली चोरी करते पाए गए। इन उपभोक्ताओं के विरुद्ध विद्युत अधिनियम 2003 संशोधित 2007 की धारा 135 के तहत कार्रवाई कर 17.82 करोड़ रुपये की बिजली चोरी का मामला प्रकाश में लाया गया। साथ ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 7909 अन्य प्रकरणों के तहत 71.78 करोड़ रुपये की अनियमितता उजागर की गई।
इस दौरान कुल 89.78 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई, जिसमें से 43.82 करोड़ रुपये संबंधित ग्राहकों से वसूल कर लिए गए। साथ ही बिजली चोरी की राशि का भुगतान नहीं करने वाले 296 उपभोक्ताओं के खिलाफ विभिन्न थानों में बिजली चोरी के मामले दर्ज किये गये हैं।
अप्रैल माह में नागपुर व पुसाद में विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में 191 संदिग्ध ग्राहकों के मीटर चेक किए गए। इसमें पाया गया कि 121 बिजली उपभोक्ता मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी कर रहे हैं। इन ग्राहकों के खिलाफ बिजली की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा 15 ग्राहकों के साथ अन्य अनियमितताएं पाई गई।अभियान सुनने के बाद 75 लाख रुपये की बिजली चोरी का पता चला।
नागपुर क्षेत्रीय मंडल की 12 और विभागीय स्तर की तीन टीमों सहित नागपुर और अकोला में सुरक्षा और प्रवर्तन हलकों में कार्यरत इंजीनियर, अधिकारी और कर्मचारी बिजली चोरी को रोकने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। महावितरण ने आम नागरिको से बिजली चोरी करने वालों की शिकायत करने का आवाहन नागरिकों से की है।
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