अब पुलिस कार्रवाई के दौरान वीडियो बनाने से नहीं रोक सकेगी पुलिस, हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण निर्णय
नागपुर: बतौर नागरिक हमारे पास बहुत से अधिकार होते है लेकिन कई मर्तबा सरकारी काम में दखलंदाजी का तर्क देते हुए नागरिकों के अधिकारों का एक तरह से हनन दिखाई देता है।पुलिस एक ऐसा विभाग है जिसका शायद सबसे अधिक आमना-सामना रोजमर्रा की जिंदगी में नागरिकों से होता है। बीते कुछ वक्त में पुलिस की कार्रवाई के दौरान असंतुष्ट नागरिकों द्वारा मोबाइल फोन में कार्रवाई को रिकॉर्ड किये जाने का चलन बढ़ा है। कई बार ऐसा करने से ऐसा करने वाले को पुलिसिया गुस्से का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब नागरिकों को हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने ही ये अधिकार दिया है की वो पुलिस (Nagpur Police) की कार्रवाई के दौरान वो चाहे सड़क पर हो या पुलिस थाने में उसकी मोबाइल रिकॉर्डिंग कर सकते है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर नागपुर पुलिस ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत नागरिकों को कुछ नियमों के साथ मोबाइल रिकॉर्डिंग की अनुमति प्रदान की गयी है।नागपुर पुलिस आयुक्तालय में पदस्थ पुलिस उप आयुक्त डॉ अश्विनी पाटिल ने आयुक्त के मातहत एक आदेश पारित किया है जिसमे नागरिकों को मोबाइल रिकॉर्डिंग की अनुमति प्रदान की गयी है।इस आदेश पर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा है की पुलिस अधिकारी और कर्मचारी जनता के सेवक है,पारदर्शिता के लिए अगर कोई नागरिक वीडियो रिकॉर्डिंग करना चाहे तो वो कर सकता है।
इस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। आयुक्त के मुताबिक पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को भी इस बाबत सूचना दी गयी है की वो ऐसा कर रहे नागरिकों से कोई बहस न करें। सिर्फ महिला पुलिस कर्मियों की निजता का हनन न हो इसका ख्याल वीडियो रिकॉर्डिंग करने वाले को रखना होगा।
अदालत ने दिया है कुछ ऐसा निर्देश
उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा नागपुर में दाखिल क्रिमिनल एप्लीकेशन के मामले में एक आदेश पारित किया है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित अधिकृत ऑफिसियल सीक्रेट्स अधिनियम के अंतर्गत वर्जित ठिकानों की व्याख्या की गई है। जिसमें पुलिस थानों को पब्लिक प्लेस घोषित किया गया है और वहां पर वीडियो रिकॉर्डिंग करना वर्जित नहीं है।
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