समृद्धि नहीं ये दुर्घटनाओं का महामार्ग! 100 दिन में 900 एक्सीडेंट, 31 की मौत

नागपुर: विदर्भ (Vidarbha) के साथ राज्य में समृद्धि लाने के लिए बने हिन्दू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग (Balasaheb Thackeray Samruddhi Mahamarg) का निर्माण किया गया। लेकिन यह महामार्ग समृद्धि लाने के बजाय दुर्घटनाओं का महामार्ग बनता जा रहा है। महामार्ग को खुले 100 दिन हो गए हैं, इस दौरान 900 एक्सीडेंट दर्ज हुए, जिनमें 31 लोगों की मौत हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसंबर 2022 को समृद्धि महामार्ग के पहले चरण नागपुर (Nagpur) से शिरडी (Shirdi) समृद्धि हाईवे का उद्घाटन किया था। इस हाईवे को आज 100 दिन हो गए हैं। इस दौरान हाईवे पर 900 छोटे-मोटे हादसे हुए। चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि 46 फीसदी हादसे मैकेनिक कारण के हुए। 15 फीसदी हादसे टायर पंक्चर की वजह से हुए। 12 फीसदी हादसे टायर फटने के कारण हुए।
कई जंगली जानवरों की भी हुई मौत
इन हादसों में जहां आम नागरिकों की जान गई, वहीं वजंगली जानवर भी घायल हुए हैं। वाहनों की चपेट में आने से अधिकतर वन्यप्राणियों की भी जान जा चुकी है। इसलिए इस हाईवे पर जंगली जानवरों की आवाजाही को लेकर फैसला लेने की जरूरत है।
राज्य परिवहन दिशा-निर्देश करे जारी
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समृद्धि पर राजमार्ग के उद्घाटन के बाद इस सड़क को भी यातायात के लिए खोल दिया गया था। हालांकि, यह हाईवे लगातार हादसों की वजह से सुर्खियों में आया है। परिवहन विभाग की जांच में सामने आया है कि हादसा इसलिए हुआ क्योंकि वाहनों का ईंधन खत्म होने के बाद सड़क पर खड़ा कर दिया गया था या ईंधन खत्म होने के बाद वाहन को साइड में खड़े कर देते हैं। इसी के साथ समिति ने राज्य परिवहन विभाग को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है।
दोपहिया वाहनों से भी दुर्घटना की आशंका
समृद्धि राजमार्ग पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं है। बड़े वाहनों की गति अधिक होने के कारण इस मार्ग पर दोपहिया वाहनों की सवारी प्रतिबंधित है। हालांकि इसके बावजूद कई जगहों पर बाइक सवारों को इस हाईवे पर सफर करते देखा जा सकता है। इससे हादसे की आशंका जताई जा रही है। ऐसी भी शिकायतें आती हैं कि बाइक के अचानक सामने आ जाने पर रफ्तार पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।

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