25 वर्षीय ब्रेन डेड युवक ने पांच को दिया नया जीवन, परभणी से नागपुर बनाया गया 450 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर

नागपुर: परभणी जिले के जिंतूर निवासी 25 वर्षीय दीपक दरोडे के अवायदान से मुंबई, नागपुर, पुणे, छत्रपति संभाजी नगर के लोगों को नया जीवन मिला है।
शनिवार को जिंतूर-ओंधा रोड पर पेट्रोल पंप के पास अपने खेत से गुजरते समय एक दोपहिया वाहन की टक्कर से जिंतूर के चिंचोली दराडे निवासी दीपक विलासराव दराडे (उम्र 25) गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना में उनके सिर में आंतरिक रक्तस्राव हुआ और वे कोमा में चले गए। उन्हें इलाज के लिए परभणी के देवगिरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन दुर्भाग्य से शनिवार (23) सुबह उनका निधन हो गया।
युवक की मृत्यु के बाद उनके पिता विलास दराडे, माता कुसुम दराडे, तथा भाई राजू और माधव ने दीपक के अंग दान करने का निर्णय लिया। इसके बाद मुंबई में 53 वर्षीय महिला में को ह्रदय प्रत्यारोपित किया गया। संभाजीनगर के 52 और 35 व्यक्तियों को किडनी दान की गई। वहीं लिवर को नागपुर के 63 वर्षीय व्यक्ति को लगाया गया। पुणे स्थित 50 वर्षीय महिला को फेफड़े दान किये गए।
परभणी से नागपुर तक लीवर पहुंचाने के लिए 450 किलोमीटर की दूरी तय करने हेतु एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। लीवर पांच घंटे के भीतर नागपुर के न्यू एरा अस्पताल पहुंच गया, जो इस वर्ष किसी अन्य शहर से लाया गया पहला लीवर था। इससे पहले 2023 में एम्स रायपुर से लिवर लाया गया था। हृदय को मुंबई लाने के लिए परभणी और नांदेड़ के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जहां से एक चार्टर विमान द्वारा इसे मुंबई लाया गया। इसी तरह, फेफड़ों को एक अन्य चार्टर विमान के माध्यम से पुणे ले जाया गया।

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