महानगर पालिका की अचल संपत्तियों का बनाया जाएगा डाटा बैंक, आधुनिक तकनीक के माध्यम से शहर की विभिन्न संपत्तियों की होगी जियो-मैपिंग

नागपुर: नगर महानगर पालिका के स्वामित्व वाली अचल संपत्तियों की जानकारी के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करके एक डेटा बैंक बनाया जा रहा है। इसी तरह नगर निगम की अचल संपत्ति का पूरा रिकार्ड कंप्यूटरीकृत होने जा रहा है। नगर निगम आयुक्त एवं प्रशासक डॉ अभिजीत चौधरी ने हाल ही में प्रस्तुत नगर निगम बजट भाषण में इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। नागपुर नगर निगम के पास कुल 22 अभिनय हैं। कुल भूखण्डों की संख्या 3822 है। इसी प्रकार, नगर निगम के स्वामित्व में 1039 अचल संपत्तियां हैं, जिनमें स्कूल, सामुदायिक भवन, पुस्तकालय, क्लीनिक, व्यायामशाला, खुले मैदान, पार्क, श्मशान, फायर स्टेशन, परिवहन डिपो और नगर नियोजन विभाग द्वारा सौंपे गए खुले स्थान शामिल हैं।
इसके अलावा मौजा वाठोड़ा, भांडेवाड़ी, तरोड़ी (खुर्द) और बिडगांव में कुल 455।86 एकड़ जमीन है। इसके अलावा शहर के महल इलाके में सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम, टाउन हॉल, डिविजनल ऑफिस भी है। नगर निगम के स्वामित्व वाले 22 अभिन्यास को 30 साल की लीज की समाप्ति के बाद नवीनीकरण, भूखंडों का नामांतरण, निर्माण और आय बढ़ाने के लिए शुल्क वसूली की जाएगी।
महानगर पालिका की कुछ संपत्तियों को 1910 से पट्टे पर दिया गया है। इस अधिनियम के अभिलेखों की स्कैनिंग आवश्यक है। इसके लिए इस बजट में नगर निगम की कुल अचल संपत्तियों का डेटा बैंक बनाने की बात कही गयी है। इसके लिए आधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी और जियो-मैपिंग, जियो-टैगिंग, जियो-फेंसिंग आदि कार्य किए जाएंगे। नगर निगम की अचल संपत्तियों का पूरा रिकार्ड कंप्यूटरीकृत होगा।
इसी प्रकार, पट्टे पर दिए गए पट्टाधारकों को आसान सेवाएँ और सेवाएँ प्रदान करने के लिए विभिन्न परिचालन प्रणालियाँ ऑनलाइन बनाई जाएंगी। नागपुर नगर निगम द्वारा पट्टे पर दी गई अचल संपत्ति से वित्तीय वर्ष 2025-26 में नागपुर नगर निगम को 10।95 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है।

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