शहर के व्यापारिक संगठनों ने मनपा पर लगाया गुमराह करने का प्रयास, एलबीटी वसूली पर वाइट पेपर जारी करने की मांग

नागपुर: नागपुर के व्यापारिक संगठनों ने उस मांग का विरोध किया है, जिसमें मनपा ने सरकार से एलबीटी निरस्त करने के निर्णय को एक और साल रोक लगाने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि, एलबीटी विभाग जानबूझकर गुमराह करने के लिए झूठे आकड़े पेश किये हैं। सोमवार को शहर की तमाम व्यापारिक संगठनों ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने एलबीटी विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसी के साथ व्यापारियों ने एलबीटी विभाग से वसूली को लेकर वाइट पेपर की मांग भी की।
चैंबर्स ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंड्रस्टी एंड ट्रेड के अध्यक्ष दीपेन अग्रवाल की अगुवाई में शहर के व्यापारिक संगठनों ने प्रेससवार्ता की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के एलबीटी कानून को समाप्त करने के निर्णय का स्वागत किया। वहीं मनपा के उस मांग का विरोध किया जिसमें मनपा ने राज्य सरकार से 3200 करोड़ रूपये बकाया वसूल करने के लिए एलबीटी विभाग को एक और साल का समय देने की मांग की है।
व्यापारिक संगठनों का कहना है कि, मनपा को एलबीटी के माध्यम से 2013 से 2017 के दरमियान करीब 1500 करोड़ की आमदनी होने थी, लेकिन विभाग द्वारा 1763 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। यानी की जितना टैक्स मिलना चाहिए था उससे ज्यादा वसूल किया गया है। लेकिन इसके बावजूद मनपा एलबीटी विभाग को एक साल और बनाये रखने की मांग कर रही है। जो पूरी तरह गलत है।
एलबीटी विभाग पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए व्यापारिक संगठनों ने कहा कि, कर के नाम पर व्यापारियों का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है। मनपा की मांग पर शहर के तमाम व्यापारी विरोध करते हैं। व्यापारियों के विरोध में लिए किसी भी निर्णय के खिलाफ आंदोलन की चेतवानी देते हुए संगठनो ने मनपा सहित एलबीटी से उनके द्वारा की गई कर वसूली पर वाइट पेपर जारी करने की मांग भी की।

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