चंद्रशेखर यादव हत्याकांड: अदालत ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास, दूसरे को किया बर्खास्त

नागपुर: चंद्रशेखर यादव हत्याकांड मामले में निर्णय आ गया है। जिला अदालत ने आरोपी दीपक मुन्नालाल गिरे (31, स्वीपर कॉलोनी, गंगाबाई घाट) निवासी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ दोषी पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है, वहीं जुर्माने की रकम नहीं भरने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई है। इसी के साथ अदालत के एक अन्य आरोपी बलिराम मंडले (शिवजी नगर, कोतवाली) निवासी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। न्यायाधीश एमवी देशपांडे की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
क्या है मामला?
2018 को चंद्रशेखर शिवपूजन यादव की हत्या कर दी गई थी। दोषी दीपक और मृतक चंद्रशेखर बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। एक जून 2018 को चंद्रशेखर कोतवाली थाना अंतर्गत एक पान ठेला पर खड़ा था। तभी दीपक वहां पर पहुंचा और कहने लगा की तुझे मन किया था न इधर नहीं आया, लेकिन इसके बावजूद तू इधर आ गया।
ऐसा कहते हुए आरोपी ने अपने जेब से चाकू निकाला और हमला कर दिया। इस हमले में चंद्रशेखर गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद दीपक मौके से फरार हो गया। घायल चंद्रशेखर को तुरंत चांडक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। प्रवीण भोवर की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने दोषी और उसके साथी बलिराम मंडले को गिरफ्तार किया। चार साल तक चली सुनवाई के बाद आज अदालत ने इसपर फैसला देते हुए आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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