जो करे भूमिपूजन वहीं करे उद्घाटन ऐसा बहुत कम ही होता, जिला सत्र न्यायालय की नई ईमारत के उद्घाटन में बोले फडणवीस

नागपुर: ऐसा कम ही होता है जब कोई भूमिपूजन करता है और उसका उद्घाटन करता है। इस ईमारत की इक्छा भी ऐसी थी कि, पिछले ढाई साल ऐसे गए की आज मुझे यहां खड़े होने का मौका मिला। रविवार को नागपुर जिला और सत्र न्यायालय (District Court Building) की नई बिल्डिंग के उद्घाटन कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (DCM Devendra Fadanvis) ने यह बात कही।
उन्होंने आगे कहा, "इस बिल्डिंग के बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ जस्टिस भूषण गवई जी का है। मेरे मुख्यमंत्री रहते इस बिलिंग को लेकर जस्टिस गवई ने मुझसे बातचीत की। इसके बाद डीबीए की टीम ने बड़ी मुझसे मुलाकात की। बिल्डिंग कैसी बनानी है उसमे क्या सुविधा चाहिए यह भी तय किया। इसी के साथ यहां के वकीलों ने भी अहम भूमिका निभाई है।"
लिफ्ट मैन बोलता था दो लोग कूदो
जिला सत्र न्यायालय की पुरानी बिल्डिंग का उल्लेख करते हुए फडणवीस ने कहा, "नई बिल्डिंग के बन जाने के बाद सबसे पहले मुझे यहां लिफ्ट में बैठ कर सबसे ऊपर जाना है। यहां मौजूद सभी लोग जानते होंगे, की पुरानी लिफ्ट में अगर एक साथ 8-10 लोग घुस जाए तो लिफ्ट मैन बोलता था कि, दो जन यहां से कूदो तभी ये लिफ्ट ऊपर जाएगी। हालांकि, नई बिल्डिंग में यह समस्या है की नहीं यह देखना है।"
बेल लेने तो बहाना था, पाटोडी खाना था
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "दगडी बिल्डिंग की हमारे पास बहुत यादें हैं। कॉलेज जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन तक। हमारा आना जाना लगा हुआ था। रोज दो आंदोलन करते थे और शाम को यहां बेल लेने के लिए पहुंच जाते थे। कभी अपनी तो कभी किसी और की। हालत तो ऐसे थे कि, इस पुरानी इमारत में कोई कोर्ट नहीं बचा था, जितनी जमानत वकील ने नहीं ली उससे ज्यादा हमने ली।"
उन्होंने आगे कहा, "उस समय जब अदालत आते थे मामले तो छोटे होते थे, जमानत दो मिनट में मिल जाती थी। इसके बाद हम यहां की पाटोडी खाने जाते और घंटो बैठकर बातचीत करते। उस समय हमने इसका बहुत अनुभव किया है।" इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, भविष्य में सिर्फ पाटोड़ी खाने आऊंगा।

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