महाराष्ट्र की जेलों में बंद विदेशी क़ैदी अब अपनों से कर सकेंगे बात

नागपुर: राज्य की जेलों में बंद विदेशी कैदियों के लिए अब अपनों से बात करने की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है.इस निर्णय की वजह से विदेशी कैदी न केवल अपनों से बात कर पायेंगे बल्कि उन्हें क़ानूनी परामर्श हासिल करने में भी मदत मिल सकेगी। महाराष्ट्र कारागृह व सुधारसेवा विभाग ने विदेशी कैदियों को वीडियो कॉलिंग की मदत उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.इस संबंध में कारागृह महानिरीक्षक अमिताभ गुप्ता ने 4 जुलाई को आदेश निर्गमित किया है.यह कैदी ePrisons वेबसाइट के माध्यम से अपनों से Video Calling के माध्यम से बातचीत कर सकेंगे। इसके लिए कैदियों के परिजनों को ePrisons वेबसाइट के माध्यम से संपर्क करना होगा जिसके बाद एक लिंक के माध्यम से बातचीत हो पायेगी। नागपुर समेत राज्य की अन्य जेलों में नायजेरियन,बांग्लादेश ,केनिया,कोलंबिया,इराण,इराक,ब्रिटन,ग्रीस,गिनी,घाना,ब्राझील,थायलंड,युगांडा,चीन,पाकिस्तान,नेपाल समेत अन्य देशो के कैदी सजा भुगत रहे है.इस कैदियों के परिजन या वकीलों की प्रत्यक्ष में मुलाकात नहीं हो पाने के लिए कैदियों को मिलने वाली न्याय कोई प्रक्रिया में भी देरी होती है.नागपुर सेंट्रल जेल में फ़िलहाल छह विदेशी कैदी बंद है जिनमे से एक महिला कैदी का भी समावेश है.वैसे नागपुर सेंट्रल जेल में पहले से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है.समयतः इसका इस्तेमाल ऑनलाईन सुनवाई के दौरान की जाती है.गडचिरोली से जुड़े न्यायालयीन मामले और नक्सलियों की पेशी के इसका इस्तेमाल हो रहा है.कारागृह प्रशासन के मुताबिक वीडियो कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध हो जाने की वजह से जेल में कैदियों से मिलने आने वाले परिजनों की भीड़ में भी कमी आयेगी।

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