गडचिरोली की हालत बेहद बेकार, अंबादास दानवे ने कहा- सूरजगढ़ में नहीं मिल रहा स्थानियों को रोजगार

गडचिरोली: विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष और शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने गडचिरोली जिले में विकास को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, "विकास को लेकर सरकार द्वारा किया जा रहा दावा महज संख्या का खेल है और हकीकत में स्थिति भयावह है. यहां सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार की हालत बेहद खराब हो गई है। सूरजगढ़ आयरन प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार नहीं है। इससे गिने-चुने लोगों को ही फायदा हो रहा है।" दानवे एक दिन के गढ़चिरौली दौरे पर पहुंचे थे। जहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही।
शिवसेना नेता ने कहा, "इस परियोजना में एक भी स्थानीय को स्थाई रोजगार नहीं मिला है. जिले में खनिज संपदा की लूट का सिलसिला जारी है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। लौह अयस्क की ढुलाई कौन कहां कर रहा है? इसे देखने का कोई मैकेनिज्म नहीं है। यह प्रोजेक्ट चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए शुरू किया गया है।" उन्होंने सड़कों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी चिंता जताई।
दावों से हकीकत दूर
सरकार के दावे को निराधार बताते हुए शिवसेना नेता ने कहा, “जिला अस्पताल होने के बावजूद यहां एमआरआई मशीन नहीं है। मरीजों को जांच के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है। 212 गांवों को जोड़ने वाली सड़क नहीं है। नकली शराब की तस्करी जोरों पर है। वन अधिकारों के दावों की अस्वीकृति अधिक है। गढ़चिरौली के विकास को लेकर मंत्री हमेशा जो दावा करते हैं, वह हकीकत में कुछ भी नहीं है।”
रोजगार पर सरकार कर रही गुमराह
दानवे ने सूरजगढ़ को लेकर बड़ा दावा किया। शिवसेना नेता ने कहा, "सरकार और प्रशासन दावा कर रहे हैं कि बहुचर्चित सूरजगढ़ आयरन प्रोजेक्ट में बड़ी मात्रा में रोजगार मिला है. हालांकि हकीकत में एक भी स्थानीय को स्थाई रोजगार नहीं मिला है। दिए गए आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 5021 नौकरियां उपलब्ध हैं। 3445 लोगों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया था। जबकि 88 लोगों को स्थाई रोजगार दिया गया है। इसमें कोई स्थानीय व्यक्ति नहीं है। केवल 513 स्थानीय लोगों को सफाईकर्मी और चौकीदार के रूप में अस्थाई रोजगार दिया गया। इससे साफ है कि रोजगार के नाम पर सरकार गुमराह कर रही है।"

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