मातृभाषा मातृ भूमि और माँ सर्वश्रेष्ठ है, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोले- दुनिया में कहीं भी जाओ याद रखो आप भारतीय
नागपुर: चाहे देश में हो या विदेश में, हमें यह याद रखना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं। मातृभाषा मातृ भूमि और जननी सर्वश्रेष्ठ है। परिवार और समाज में बातचीत करते समय मातृभाषा का यथासंभव उपयोग किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को उपराजधानी के कोरडी स्तिथ भारतीय विद्या भवन के सांस्कृतिक केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान बोलते हुए उन्होंने यह बात कही।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान के अध्यक्ष और विधायक चन्द्रशेखर बावनकुले मुख्य रूप से उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने कहा, "आज की युवा पीढ़ी शिक्षा के लिए विदेश जाती नजर आ रही है। वे स्थानीय भाषा और संस्कृति के अनुरूप प्रतीत होते हैं। माता-पिता को भी उन्हें उनकी मातृभाषा में शिक्षा देनी चाहिए। भारतीय उनकी पहचान है और उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि वे दुनिया में जहां भी हों, अपनी मातृभूमि को कभी न भूलें। युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम का महत्व बताना जरूरी है। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्हें शहीदों के बलिदान के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
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