नागपुर पुलिस ने जारी की साल 2024-25 की ‘रोड सेफ्टी रिपोर्ट’, सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में आई 18 प्रतिशत की कमी

नागपुर: नागपुर पुलिस ने रोड सेफ्टी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 से मार्च 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं में 22.22 प्रतिशत और सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 18 प्रतिशत की कमी आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर कमिशनरेट अंतर्गत होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के इन आंखड़ों में कमी आने के चार मुख्य कारण साबित हुए हैं. नागपुर पुलिस के मिशन जीवन रक्षा अभियान के तहत किए गए कार्यों से सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों के आंकड़ों को कम करने में सहायक बताए गए हैं.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मिशन जीवन रक्षा के तहत रात के समय में तेज गति से वाहन चलाने पर अंकुश लगाने के लिए तेज गति वाले मार्गों पर रेडियम बैरिकेड्स लगाने से सड़क हादसों में कमी लाने में मदद मिली है. इसके साथ ही 20 स्थानों पर ड्रिंक एंड ड्राइव मशीनों, एमवी एक्ट डिवाइस के साथ 2 महीने के लिए रात 9 बजे से सुबह 2 बजे तक सख्त नाकाबंदी भी मददगार साबित हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में एक तिहाई से अधिक मौतें पैदल चलने वालों की होती हैं. फुटपाथ स्वतंत्रता पहल के तहत अतिक्रमण हटाने और फुटपाथों को पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाने के लिए एक महीने में 4500 से अधिक मामले निपटाए गए हैं.
सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी का एक कारण नागपुर पुलिस द्वारा विभिन्न हिस्सों और ब्लैकस्पॉट्स पर गति नियंत्रण के उपायों को भी बताया गया है. इन उपायों में रंबलर स्ट्रिप्स, व्हाइट लेनिंग, कैट आई, खतरे के निशान, ब्लिंकर, अस्थायी सिग्नल, रात में रोशनी के लिए हाई मास्ट, रेलिंग का रखरखाव जैसे कार्य शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गति नियंत्रण उपायों से उमिया कटिंग (पारडी), वर्धा रोड, कोराडी रोड, हिंगना रोड आदि जैसे प्रमुख ब्लैकस्पॉट्स पर मृत्यु दर में तेजी से कमी लाने में मदद मिली है.
इसके साथ ही चालकों को सचेत और जागरूक बनाने के लिए दुर्घटना संभावित विभिन्न मार्गों पर विभिन्न सड़क संकेत, गति सीमा बोर्ड, "दुर्घटना संभावित क्षेत्र" बोर्ड भी दुर्घटनाओं के दर में कमी लाने में कारगर साबित हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2024 में नागपुर 99 असिडेंट के केस हुए जिनमें 100 लोगों की जान गई थी. वहीं, साल 2025 में 77 एक्सीडेंट के मामले हुए जिनमें 81 लोगों की मौत हुई.

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