Nana Vs Vijay-Sunil: पटोले के विरुद्ध केदार और वडेट्टीवार समर्थकों ने खोला मोर्चा; अध्यक्ष पद से हटाने दिल्ली में डाला डेरा

नागपुर: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) और पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार (Vijay Vadettiwar) के बीच कोल्डवार लगातर बढ़ती जा रही है। बाजार समिति चुनाव में पटोले ने पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगते हुए वडेट्टीवार समर्थक चंद्रपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश देवताले को पद से हटा दिया था। वहीं अब वडेट्टीवार गुट ने पटोले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कई नेता दिल्ली पहुंच गए हैं और पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग आलाकमान से कर दी है।
सुनील केदार के समर्थक भी पहुंचे दिल्ली
मिली जानकारी के अनुसार, केवल विजय वडेट्टीवार के नहीं पूर्व मंत्री और सावनेर विधायक सुनील केदार (Sunil Kedar) के समर्थक भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। वह भी वडेट्टीवार के समर्थकों के सुर में सुर मिलाते हुए पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक दोनों नेताओं के समर्थकों की मुलाकात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नहीं हो पाई है।
समर्थकों को हटाने के बाद से बढ़ा विवाद
ज्ञात हो कि, पिछले कई समय से वडेट्टीवार और पटोले के बीच विवाद चल रहा है। पिछले दिनों पटोले ने पार्टी विरोधी काम काने का आरोप लागते हुए वडेट्टीवार समर्थक चंद्रपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश देवताले को पद से हटा दिया। वहीं उसके पहले ओबीसी सेल के जिला अध्यक्ष दिवाकर निकुरे को भी हटा दिया था। पटोले के इस कदम से दोनों नेताओं के बीच मतभेद और बढ़ गए। इसको लेकर पूर्व मंत्री ने पटोले को सोचसमझ कर फैसला लेने की नशीहत दी थी।
केदार के साथ भी रिश्ता ठीक नहीं
वडेट्टीवार के साथ पटोले के रिश्ते केदार के साथ भी ठीक नहीं चल रहे हैं। विधान परिषद चुनाव के समय नाशिक स्नातक सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बालासाहेब थोराट ने पटोले से नाराजगी जताते हुए विधायक दल नेता पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। उस समय सबसे पहले केदार ही थोरात के समर्थन में उतरे थे। तभी से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि, पटोले और केदार के बीच सब सही नहीं चल रहा है। वहीं वज्रमूठ सभा के समय भी दोनों नेताओं के बीच विवाद होने की बात सामने आ चुकी है। यही नहीं समय-समय पर केदार पटोले के निर्णय का विरोध करते रहे हैं।
पहली बार नहीं जब नेता पहुंचे दिल्ली
उल्लेखनीय है कि, यह पहली बार नहीं है जब पटोले की कार्यप्रणाली को लेकर पार्टी नेताओं ने विरोध जताया है। इसके पहले भी कई ऐसे मौके आ चुके हैं जब नेताओं ने मोर्चा खोल दिया था। बालासाहेब थोरात की नाराजगी के समय भी कई नेता दिल्ली पहुंचे थे और पटोले को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर चुके थे, लेकिन तब आलाकमान ने कहा था कि, रायपुर अधिवेशन के बाद इसपर निर्णय लिया जाएगा। वहीं इसके बाद दोबारा नेता दिल्ली पहुंचे। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवजीराव मोघे के अनुसार, आलाकमान ने पटोले को अध्यक्ष पद से हटाने से इनकार कर दिया था।

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