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Nagpur

महाकुंभ से भी भव्य होगा नाशिक सिंहस्थ! प्रयागराज में लगे बड़े-बड़े पोस्टर, काऊंन-डाउन शुरु


नागपुर: तीर्थराज प्रयाग में शुरू महाकुंभ समाप्त होने में केवल 24 घंटे का समय बचा हुआ है। शिवरात्रि के दिन आखिरी स्नान के साथ महाकुंभ का समापन हो जायेगा। महाकुंभ के समाप्त के साथ ही नाशिक त्रियंबकेश्वर में होने वाले सिंहस्थ का काऊन-डाउन भी शुरू हो गया है। अगस्त 2027 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार कितनी गंभीर है इसी से समझा जा सकता है कि, पर्यटन विभाग ने अभी से ही सिंहस्थ का प्रचार करना शुरू कर दिया है। तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी किनारे महाराष्ट्र राज्य पर्यटन विभाग द्वारा बड़े-बड़े पोस्टर लगा आने वाले श्रद्धालुओं को नाशिक कुंभ का भव्यता के बारे में बताना शुरु कर दिया है।

तीर्थराज प्रयाग में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हुई। जिसका समापन शिवरात्रि यानी 26 फरवरी को होगा। पिछले 44 दिनों में करीब 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी में अमृत स्नान किया है। वहीं शिवरात्रि के स्नान के बाद स्नान करने वालो की संख्या करीब 70 करोड़ के पास पहुंच सकती है। कुंभ के इतिहास में यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे और स्नान किया। इसी के साथ यह दुनिया का पहला कार्यक्रम है जहां एक साथ इतने करोड़ लोग एक साथ आएं। 

राज्य सरकार ने शुरु की तैयारी
प्रयाग के बाद महाराष्ट्र में कुंभ का आयोजन होना है। हालांकि, यह आयोजन कुंभ नहीं सिंहस्थ कुंभ होगा। हर 12 साल में आयोजित होने वाला सिंहस्थ अगस्त 2027 में नाशिक त्रियंबकेश्वर में आयोजित होगा। इसके पहले 2015 में इसका आयोजन किया था। प्रयागराज में आयोजित कुंभ की भव्यता देखने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी सिंहस्थ को लेकर अपनी तैयारी शुरु कर दी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में नाशिक विकास प्राधिकरण की बैठक मुंबई के सहायंद्री अतिथि गृह में हुई। जहां मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सिंहस्थ के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का काम शुरु करने का आदेश दिया था। इसी के साथ जहां साधु संतो का स्नान होना है, वहां भी काम शुरु करने का आदेश दिया था।

पयर्टन विभाग की दो टीमों ने की कुंभ की यात्रा
राज्य के पर्यटन विभाग कुंभ के आयोजन को लेकर बड़ी गंभीरता से ले रही है। राज्य के सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलर ने बताया कि, राज्य की दो टीमों ने प्रयाग का दौरा किया है। जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और अधिकारियों से मुलाकात की और कुंभ के आयोजन को लेकर विस्तार से चर्चा की। शेलर ने कहा कि, महाकुंभ का आयोजन जिस भव्यता से किया गया वह एक उदाहरण बन चुका है। नाशिक में होने वाले कुंभ की तैयारी में लगे हुए हैं। और 2027 में इसका सफल आयोजन किया जाएगा।

मेला क्षेत्र में लगाए गए पोस्टर
कुंभ सनातन धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रयाग के महाकुंभ के बाद नाशिक में आयोजित होने वाला सिंहस्त बेहद भव्य होगा। राज्य के पर्यटन विभाग ने इसका प्रचार भी शुरु कर दिया है। महाकुंभ के मेला क्षेत्र में महाराष्ट्र पर्यटन विभाग ने सिंहस्थ कुंभ को लेकर बड़े बड़े पोस्ट लगाएं हैं। जिसमें सिंहस्थ की भव्यता के बारे में बताया। पोस्टर में साधु संतों की तस्वीर दिखाई दे रही है। इसी के साथ बुजुर्ग हाथ जोड़े खड़ी हैं। इसी के साथ पोस्टर में कुछ वाक्य भी लिखा है, जिसके माध्यम से कुंभ कितना भव्य होगा यह बताने का प्रयास किया गया है। पोस्टर में लिखा है कि, जीवन से भी बड़ा रहस्यमय अनुभव आपका इंतजार कर रहा है।

अगस्त और सितंबर में होगा शाही स्नान 
31 अक्टूबर 2026 को सिंहस्थ का ध्वजरोहण किया जायेगा। इसके बाद दो अक्टूबर 2027 को पहला शाही स्नान होगा, द्वितीय और तृतीया शाही स्नान 31 अगस्त 2027 और 12 सितंबर 2027 को स्नान होगा। वहीं जुलाई 2028 में सिंहस्थ का समापन यानी ध्वज को उतारा जाएगा।