बुलडोजर चला एनआईटी की जमीन कराई खाली, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी रहे तैनात

नागपुर: श्रद्धानंद पेठ इलाक़े में सोमवार को नागपुर सुधार प्रन्यास ने बड़ी कारवाई को अंजाम देते हुए कई घरों को ज़मीन दोज किया है। इस कारवाई में क़रीब चार परिवारों के सिर से छत उड़ गई है। अपने आशियानों को टूटता देख कई परिजनों ने विरोध भी किया। हालाकि पुलिस के कड़े बंदोबस्त के चलते उनकी एक नहीं चली।
सोमवार को नागपुर सुधार प्रन्यास के अधिकारी नागपुर शहर के श्रद्धानंद पेठ इलाक़े में अतिक्रमण की करवाई करने पहुँचे। अधिकारियों ने पहले घरों के रखा समान को ख़ाली कराया और बुलडोज़र से सभी घरों को ज़मीनदोज कर दिया। इस ज़मीन पर चार परिवार लंबे समय से रह रहे थे। इनमे कई बच्चे और बीमार बुजुर्ग भी शामिल थे। अचानक हुई कारवाई से इन सभी पीड़ितो को पल भर से अपने घरों से बेदख़ल होना पड़ा। अपनी आखो के सामने अपने आशियानों को टूटने का दर्द इनके चहरो पर साफ़ दिखाई दे रहा था।
अधिकारियो का तर्क है की यह ज़मीन NIT की है। और परिवार के लोगो ने कई सालों से इस पर अतिक्रमण करके रखा है। सबसे पहले ज़मीन का मसला 2008 में कोर्ट पहुँचा था। क़रीब 10 साल चली क़ानूनी लड़ाई के बाद 2018 में हाईकोर्ट ने ज़मीन को ख़ाली कराने के आदेश दिये। जिसके बाद फ़रवरी 2019 में परिवारों को नोटिस दिया गया। इस बीच कोरोना संक्रमण के कारण करवाई को स्थगित कर दिया गया था। जिसके बाद अब कारवाई की गई है।
1970 से रह रहे थे यहां
पीड़ित परिवार के सदस्य रोहन मरकम ने बताया की उनके दादा सखाराम मकराम 1970 से इस ज़मीन पर घर बनाकर रह रहे थे। उनके पास ज़मीन से जुड़े कई काग़ज़ात भी है। और इस दौरान वे हर वर्ष ज़मीन के टैक्स का भुगतान करते थे। बावजूद इसके NIT अधिकारियो ने उनकी एक नहीं सुनी और उनका आशियाना पल भर में उजाड़ दिया।
भीषण गर्मी में हुए बेघर
मामले की गंभीरता को देख स्थानीय भाजपा नेता मुन्ना यादव भी पीड़ित परिवार के समर्थन के लिए आगे आये। यादव की लाख समजाईश के बाद भी अधिकारियो ने उनकी एक ना सुनी। और घरों पर बुलडोजर चला दिया। हरहाल, जून की इस भीषण गर्मी में ये सभी परिवार बीच सड़क पर आ गये है। कुछ हफ़्तों बाद मानसून भी शुरू हो जाएगा। ऐसे इन परिवारों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।

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