Nag River Revitalization Project: फिरेंगे नाग नदी के दिन, 8 वर्ष बाद परियोजना को केंद्र से मिली मंजूरी

नागपुर: शहर के बीच से गुजरने वाली नाग नदी के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने नाग नदी के 1,927 करोड़ रुपये बजट वाले पुनरुज्जीवन परियोजना को मंजूरी दे दी है। ज्ञात हो कि, साल 2014 में 1,476 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, लेकिन किसी तकनीति कारण के कारण इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। वहीं आठ साल बाद केंद्र ने इसे मंजूरी दी है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नागपुर दौरे के दौरान इसका भूमिपूजन करेंगे। वहीं इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्र, राज्य और मनपा करेंगी खर्च
वित्तीय मामलों की कमेटी द्वारा किए गए वित्तीय सुधारों के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने 1,927 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रकल्प में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और मनपा की ओर से क्रमश: 60:25:15 प्रतिशत के अनुपात में खर्च का वहन किया जाएगा। इस अनुपात के अनुसार केंद्र सरकार 1115.22 करोड़, राज्य सरकार 507.36 करोड़ और मनपा 304.41 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
2014 के मुकबले बढ़ी लागत
नाग नदी सफाई केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 2014 में सत्ता में आते ही उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया था। इसी के मद्देनजर जून महीने में प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट और इसे पूरा करने में कितना खर्चा आएगा इसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया था। वर्ष 2014 में इस पुरे प्रोजेक्ट में 1,476 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया गया था, जो 2021 में बढ़कर 2,117 करोड़ हो गया। हालांकि, अब केंद्र की मंजूरी के बाद इसके जल्द पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।
1,31,861 घर सीवरेज नेटवर्क से जुड़ेंगे
परियोजना के अनुसार सिटी में 500 किलोमीटर की सीवरेज लाइन नेटवर्क का नवीनीकरण किया जाएगा। इसी तरह से 1,31,861 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। परियोजना को पूरा करने के लिए महानगरपालिका प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी की नियुक्ति करेगी। पीएमसी का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। डीपीआर के अनुसार उत्तर जोन में 249 किलोमीटर तथा मध्य जोन में 211.60 किलोमीटर की सीवरेज लाइन बदली जाएगी।
प्रकल्प पर मनपा द्वारा अमल किया जाएगा जिसके लिए नदी में छोड़े जाने वाले मल-जल को रोकने, प्रक्रिया करने, मल-जल प्रक्रिया केंद्र स्थापित करने जैसे कामों को अंजाम दिया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर नाग नदी, बोरनाला और पीली नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।
जापान की जिका कंपनी से कर्ज लेगी केंद्र सरकार
परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार जापान की वित्तीय संस्था जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जिका) से 1,600 करोड़ से अधिक का कर्ज लेगी। कर्ज को लेकर एग्रीमेंट होने से जल्द शुरू होने की आशा जताई जा रही है। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने प्रकल्प को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का आभार व्यक्त किया।
प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु:
- अंबाझरी तालाब से उद्गम
- नाग नदी की कुल लंबाई 68 किमी
- शहर में नदी की लंबाई 15.68 किमी
- 92 एमएलडी के 3 नये एसटीपी प्लांट तैयार होंगे
- 2 एसटीपी 10 एमएलडी तक अप्रग्रेड किए जाएंगे
- प्रकल्प में 107 मेनहोल डायवर्सन होंगे
- 48.78 किमी की सीवेज लाइन होगी

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