तीन करोड़ खर्च कर तोडा जा रहा टेकड़ी फ्लाईओवर, निकलने वाले सी एंड डी वेस्ट को कंपनी करेगी दान

नागपुर: टेकड़ी फ्लाइओवर को तोड़ने का काम जोरशोर से शुरू है। दो पोकलैंड सहित अन्य छोटी मशीनों द्वारा फ्लाईओवर को जमीदोज करने का काम किया जा रहा है। महामेट्रो ने फ्लाईओवर तोड़ने का काम मत्ते असोसीएट को दिया गया है। फ्लीपवेर को तोड़ने में तीन करोड़ रूपये का खर्च आने वाला है। इसी बीच कंपनी ने इस दौरान निकलने वाले सी एंड डी वेस्ट कों दान दिए जाने का निर्णय लिया है। पुल से निकलने वाले गेंन्युलेटेड सब सेब वेस्ट कों कंपनी नागपुर की ही संस्था गोरक्षण सभा कों दान मे देगी। इस वेस्ट से गोरक्षण की जमीन कों समतल किया जायेगा।
किसी भी निर्माण कार्य के टूट जाने के बाद उससे बड़े पैमाने पर सी एंड डी यानि कंस्ट्रक्शन एंड डिमोनिश वेस्ट निकलता है। यह वेस्ट वेस्ट ना होकर एक तरह से मुनाफे का सौदा भी होता है। इसकी रिसाकलिंग होती है इसलिए बाजार मे इसकी अच्छी कीमत होती है। फाईओवर से निकलने वाले गेल्यूनेटेड सब वेस्ट कों कंपनी ने गोरक्षण सभा कों देने का निर्णय लिया है। वर्धा रोड स्थित गोरक्षण सभा के परिसर मे हजारों गायों कों रखा जाता है।
सभा के सचिव प्रसन्ना पातुरकर ने बताया कि, "हाल के वर्षो मे हुए सडको के निर्माण की वजह से गोरक्षण सभा का परिसर नीचा हो गया है जिस वजह से बारिश के दिनों मे पानी जमा हो जाने की समस्या आम है। इस वजह से सबसे बड़ी दिक्कत सभा की गौशाला मे रखी गायों कों होती है। जब यह सूचना मिली की टेकड़ी फ्लाइओवर कों तोड़ा जा रहा है तो हमने खुद से मलबे की मांग की औऱ कंपनी ने हमें मुफ्त मे इसे उपलब्ध कराने की हामी दी।
फ्लाईओवर तोड़ने में आ रहा तीन करोड़ का खर्च
वर्ष 2008 से टेकड़ी के फ्लाइओवर का इस्तेमाल यातायात के लिए हो रहा है। लेकिन अब इसे तोड़कर यहाँ 6 लेन की सड़क का निर्माण कराया जायेग। यह सड़क प्रस्तावित नागपुर रेल्वे स्टेशन के कायाकल्प से जुड़ेगी। लगभग 16 करोड़ की लागत ने बने इस फ्लाइओवर कों तोड़ने मे तीन करोड़ का खर्च अनुमानित है। जबकि इससे कुल 11 से 12 हजार क्यूबीक मीटर सी एन्ड डी वेस्ट निकलेगा। बिटूमीन के साथ स्टील, लोहे जैसी सामग्रीया रिसाकल कर दुबारा इस्तेमाल मे लायी जा सकती है।
पूर्व आयुक्त राधाकृष्णन बी ने तय की दर
इस ख़बर के साथ यह जानना भी जरुरी है की केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2017 मे सीएनडी वेस्ट कों लेकर बनाई गयी केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स का नागपुर मे कोई खास असर नहीं है। महानगर पालिका के पूर्व आयुक्त राधाकृष्णन बी ने नागपुर से जाते जाते इस विषय मे कुछ काम किया औऱ कॉन्ट्रेकट की नियुक्ति के साथ सी एन ड़ी वेस्ट की रिसाकलिंग की दर तय हुई लेकिन अब तक कॉन्ट्रेक्टर कंपनी ने काम शुरु ही नहीं की है।

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