Temple Dress Code: अब मंदिरों में प्रवेश के लिए होंगे ड्रेस कोड, देवालय के बाहर लगेंगे बोर्ड
नागपुर: महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने महाराष्ट्र के मंदिरों में वस्त्र संहिता (ड्रेस कोड) लागू करने का फैसला किया है। महासंघ के संयोजक सुनील घनवट ने बताया कि शुक्रवार से नागपुर के मंदिर में इसकी शुरुआत की गयी। घनवट ने कहा, महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद की एक बैठक फरवरी माह में जलगांव में आयोजित की गई थी जिसमें तीन सौ से अधिक मंदिर पदाधिकारियों ने भाग लिया था। मंदिर अनुदान, मंदिरों को सरकार को सौंपने पर चर्चा हुई।
पहला निर्णय जलगांव जिले के श्री मंगल ग्रह मंदिर (अमलनेर में) में लिया गया। पिछले साल नागपुर में एक बैठक भी हुई थी और पहल सक्रिय रूप से शुरू हुई थी। मंदिर की पवित्रता बनी रहनी चाहिए। इसी भूमिका को ध्यान में रखते हुए ड्रेस कोड लागू किया गया। देश के कई मंदिरों में प्राचीन काल से ही ड्रेस कोड लागू है। तमिलनाडु में हाई कोर्ट ने ड्रेस कोड लागू करने का आदेश दिया था।
सुनील घनवट ने यह भी उल्लेख किया कि यह प्रक्रिया जागरूकता और ज्ञान के बारे में है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे कि राज्य सरकार के नियंत्रण वाले मंदिर में इस फैसले को लागू किया जाए।
उपराजधानी के चार मंदिरों में वस्त्र संहिता
नागपुर के चार मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है। इनमें श्री गोपाल कृष्ण मंदिर, धंतोली, श्री संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर, बेल्लोरी (सावनेर), श्री बृहस्पति मंदिर, कनोलीबारा, श्री दुर्गा माता मंदिर हिलटॉप शामिल हैं।
मंदिर के बाहर एक शिलापट्ट होगा
धनवट ने बताया कि, कुछ इसे अज्ञानता से पहनते हैं। हालांकि, मंदिर में प्रवेश करते समय ऐसे पुरुषों और महिलाओं को मंदिर के अधिकारियों द्वारा शॉल, रूमाल आदि कपड़े के साथ प्रवेश करने का आग्रह किया जाएगा। मंदिर के बाहर भी इसी तरह का बोर्ड लगेगा।
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