Amravati: कार्यालय को लेकर कांग्रेस नेताओं का प्रदर्शन, यशोमति ठाकुर ने पालकमंत्री पाटिल के बीच बहस

अमरावती: जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में सांसद कार्यालय को लेकर कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर और नवनिर्वाचित सांसद बलवंत वानखड़े सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। वहीं प्रशासन की तरफ से कमरा नहीं देने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ताला तोड़ दिया और अंदर घुस गए। उनके साथ बलवंत वानखड़े, यशोमति ठाकुर कार्यालय में दाखिल हुए। वहीं इसको लेकर ठाकुर और जिले के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच तीखी बहस भी हुई।
दरअसल, जिलाधिकारी कार्यालय क्षेत्र में सांसद जन सुविधा केंद्र खोला गया है। अभी तक इस कार्यालय का उपयोग सांसद के और पर नवनीत राणा कर रही थी। वहीं बलवंत वानखड़े के निर्वाचित होने के बाद संबंधित कार्यालय को नए सांसद को दिए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा पत्राचार किया गया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें कार्यालय पर कब्जा नहीं दिया। कार्यालय नहीं मिलने को लेकर वानखड़े और विधायक यशोमति ठाकुर ने आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
जिला संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल वार्षिक योजना समीक्षा बैठक के लिए आज शनिवार को अमरावती पहुंचे। जब वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो बलवंत वानखड़े और यशोमति ठाकुर उनसे मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने सांसद कार्यालय को लेकर अपनी बात कही। इस दौरान उन्होंने प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाया। वहीं कांग्रेस नेताओं की बात सुनने पर पाटिल ने विषय समझाने के लिए समय माँगा। हालांकि, ठाकुर बेहद गुस्से में थी। कार्यालय को लेकर दोनों के बीच बहस भी हो गई।
बैठक को बीच में छोड़कर बाहर निकली यशोमति ठाकुर ने कहा कि, "बलवंत वानखड़े को निर्वाचित होने के तीन घंटे बाद तक प्रमाणपत्र नहीं दिया गया. सांसद कार्यालय उपलब्ध नहीं है। कोई फंडिंग उपलब्ध नहीं है। नए सांसदों का सम्मान नहीं किया जाता। ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, "आप चाहें तो हमारे खिलाफ मामला दर्ज करा दें, लेकिन हम आज ही कार्यालय अपने आधीन लेंगे।"
ठाकुर के यह कहते ही कांग्रेस नेताओं ने नारेबाजी करते हुए कार्यालय का टाला तोड़ दिया। जिसके बाद बलवंत वानखड़े, यशोमति ठाकुर कार्यालय के अंदर गए। ठाकुर ने आगे कहा, "सरकार और प्रशासन की दादागिरी चल रही है। हमें वार्षिक योजना बैठक में जन प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित या सम्मानित नहीं किया जाता है। इसे बदमाशी के रूप में क्यों सहन किया जाना चाहिए? यशोमति ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि गर्मी में भीषण जलसंकट के दौरान पालक मंत्री जिले में नहीं आये, प्रशासन मनमाना काम कर रहा है. बलवंत वानखड़े ने कहा कि प्रशासन के असहयोग के कारण हमें विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।

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