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Amravati Loksabha: 2019 के मुकाबले 2024 में ज्यादा मतदान; नवनीत की वापसी या बलवंत की खुलेगी किस्मत या तीसरा करेगा कमाल ?


अमरावती: अमरावती लोकसभा सीट (Amravati Loksabha Seat) पर चुनाव समाप्त हो गया है। दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को हुए मतदान में लोकसभा क्षेत्र की 63.67 प्रतिशत जनता ने अपना मताधिकार का उपयोग किया। 2019 के मुकबले इस बार 2.31 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ है। ज्यादा मतदान होने के बाद लगातार दावों का दौर जारी है। भाजपा (BJP) जहां इसे  अपने पक्ष में बता रही है, वहीं विपक्ष (Congress) बदलव की बात कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में विस्तार से जानेंगे की आखिर बड़ा मतदान किसकी तरफ जाता दिखाई दे रहा है। क्या एक बार फिर नवनीत राणा (Navneet Rana) चुनाव जीतेंगी या कांग्रेस उम्मीदवार बलवंत वानखड़े (Balwant Wankhede) कोई चमत्कार करेंगे।

2019 में कितना था मतदान और क्या था चुनावी परिणाम?

2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना (उद्धव और शिंदे गुट एक) एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी। वहीं उनके सामने  कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद और अजित गुट एक) का गठबंधन था। भाजपा गठबंधन ने जहां शिवसेना नेताा और मौजूदा सांसद आनंदराव अडसुल को मैदान में उतारा था। वहीं विपक्ष ने नवनीत राणा को आप समर्थन दिया था। 2019 के समय अमरावती लोकसभा सीट पर 60. 76 प्रतिशत कम मतदान हुआ था। वहीं जब परिणाम आए तो राणा ने अडसुल को 34 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। 

पिछली बार से ज्यादा मतदान 

2019 के मुकाबले 2024 में ज्यादा मतदान हुआ है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आकड़े के अनुसार, 63.67 प्रतिशत मतदान हुआ है। यानी 2019 के मुकाबले 2.31 प्रतिशत ज्यादा लोगों ने मतदान किया है। छह विधानसभा सीट को मिलकर अमरावती लोकसभा बनाई गई है। जिसमें अमरावती, बडनेरा, तिवसा, अचलपुर, मेलघाट और दर्यापुर शामिल है। जारी आकड़े के अनुसार, इस बार दर्यापुर में 66.88, अचलपुर 68.84, अमरावती  57.52, बडनेरा 55.78, तिवसा 64.14 और मेलघाट में 71.55 प्रतिशत मतदान हुआ है। 

इस बार मुकबला हुआ त्रिकोणी 

अमरावती लोकसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय दिखाई पड़ रहा है। एक तरफ जहाँ महायुति से नवनीत राणा, महाविकास अघाड़ी से बलवंत वानखड़े और प्रहर से दिनेश बूब चुनावी मैदान में हैं। मतदान के प्रतिशत को देखें तो स्थिति भी त्रिकोणीय दिखाई दे रही है। सबसे ज्यादा मतदान अचलपुर और मेलघाट विधानसभा सीट पर हुआ है। ज्ञात हो कि, दोनों सीटों पर प्रहार के विधायक हैं। अचलपुर से खुद बच्चू कडु और मेलघाट से उनकी पार्टी से ओमप्रकाश पटेल विधायक हैं। इसके बाद तिवसा और दर्यापुर में वोट पड़े हैं। महाविकास अघाड़ी उम्मीदवार बलवंत वानखड़े खुद यहाँ से विधायक हैं, वहीं तिवसा से यशोमति ठाकुर विधायक है। 

सबसे कम मतदान महायुति के विधायकों के क्षेत्र में हुई है। बडनेरा जहां से नवनीत राणा के पति रवि राणा विधायक है वहां 55.78 प्रतिशत वोट पड़ा है। वहीं अमरावती शहर जहाँ से अजित पवार गुट की विधायक सुलभा खोडके हैं, वहां 57.52 प्रतिशत वोट हुआ है। अमरावती और बडनेरा वह शहरी क्षेत्र है, भाजपा का मजबूत वोटर शहरी क्षेत्र में रहता है, ग्रामीण क्षेत्रों भाजपा उतनी मजबूत नहीं रही है। वहीं कांग्रेस शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मजबूती दिखाई देती है। 

बच्चू कडु ने चुनाव को फंसाया?

आमतौर पर अमरावती लोकसभा सीट पर चुनाव दो गठबंधनों के बीच होता रहा है। लेकिन इस बार प्रहार के दिनेश बूब के कारण चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। मेलघाट और अचलपुर में जिस तरह से मतदान हुआ है, उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि, प्रहार यानी बच्चू कडु ने मजबूती के साथ चुनाव लड़ा है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो पहले अमरावती का चुनाव दो हिस्सों में दिखाई देरहा था, लेकिन बच्चू कडु ने चुनाव को फंसा दिया है।